हमें डायनोसोर्स के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE KNOW ABOUT DINOSAURS?

HOW DID WE KNOW ABOUT DINOSAURS? by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAआइज़क एसिमोव -ISAAC ASIMOVपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनेकों प्रमाण मिले। उन्हें ऐसे जीवाश्म मिले जिनसे यह सिद्ध हुआ कि प्राचीन काल के जानवर अलग किस्म के थे। उन्होंने कुछ द्वीपों के जीवन का अध्ययन किया और पाया कि वहां पर प्रजातियों अलग-अलग द्वीपों की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालती थीं। उन्हें यह भी समझ में आया कि वर्तमान की तुलना में अतीत में पृथ्वी पर पौधों और प्राणियों की प्रजातियों बहुत अलग रही होंगी। पुरानी प्रजातियां धीरे-धीरे बदली होंगी और वर्तमान में पाई जाने वाली प्रजातियों जैसे बनी होंगी। डारविन ने 1858 में 'द ओरिजिन ऑफ स्पीसीज' नाम की पुस्तक लिखी जिसमें उन्हें बहुत समझबूझ कर और सावधानी से जो भी प्रमाण उन्हें मिले थे उसका वर्णन किया। चार्ल्स डारविन ए्षद्ार६5 08२५५ बहुत से लोगों को डारविन की किताब से धक्का लगा और वे हैरान हुए क्‍योंकि क्रमिक विकास (एवोल्यूशन) की अवधारणा पूरी तरह बाइबिल के खिलाफ जाती थी। पर डारविन ने अपनी पुस्तक में अकाट्य प्रमाण पेश किए थे जिससे कि क्रमिक विकास (एवोल्यूशन) की अवधारणा को वैज्ञानिकों ने स्वीकारना शुरू किया। फिर धीरे-धीरे उसके पक्ष में और सबूत जुटने लगे। सबसे अधिक प्रमाण जीवाश्मों से मिले। इसलिए हम जीवाश्मों पर दुबारा वापिस जाएंगे। 16




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