भेडिया भेडिया | BHEDIYA BHEDIYA
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
486 KB
कुल पष्ठ :
7
श्रेणी :
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श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' - Shri Suryakant Tripathi 'Nirala'
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8/23/2016
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दो घड़े
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
एक घड़ा मिट्टी का बना था, दूसरा पीतल का। दोनों नदी के किनारे रखे थे। इसी समय नदी में बाढ़ आ गई, बहाव
में दोनों घड़े बहते चले। बहुत समय मिट्टी के घड़े ने अपने को पीतलवाले से काफी फासले पर रखना चाहा।
पीतलवाले घड़े ने कहा, तुम डरो नहीं दोस्त, मैं तुम्हें धक्के न लगाऊँगा।
मिट्टीवाले ने जवाब दिया, तुम जान-बूझकर मुझे धक्के न लगाओगे, सही है; मगर बहाव की वजह से हम दोनों
जरूर टकराएँगे। अगर ऐसा हुआ तो तुम्हारे बचाने पर भी में तुम्हारे धक्कों से न बच सकूँगा और मेरे टुकड़े-टुकड़े
हो जाएँगे। इसलिए अच्छा है कि हम दोनों अलग-अलग रहें।
जिससे तुम्हारा नुकसान हो रहा हो, उससे अलग ही रहना अच्छा है, चाहे वह उस समय के लिए तुम्हारा दोस्त भी
क्यों न हो।
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