हमें मस्तिष्क के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE KNOW ABOUT BRAIN?

HOW DID WE KNOW ABOUT BRAIN? by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAआइज़क एसिमोव -ISAAC ASIMOVपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उत्तेजनाएं नर्व पर किस प्रकार यात्रा करती हें? 1800 तक लोग तारों में विद्युत केसे यात्रा करती है यह समझ गए थे। क्‍या इसी प्रकार का विद्युत-करंट नर्व में भी बह सकता हे? अक्सर इंजिनियर बिजली बहने वाले तारों को रेशम या रबर से लपेटते थे। इससे तार कुचालक हो जाता था। इससे विद्युत 'लीक' नहीं होती थी और उपकरण शार्ट-सर्किट से सुरक्षित रहता था। एक्सान भी बिजली के तारों जैसे हें जिन पर माययूलिन शीथ का कवच एक कुचालक का काम करता है। इससे विद्युत करंट की अवधारणा का जन्म होता हे। म्यूलर, नर्वस में विद्युत-करंट तो नहीं खोज पाया, पर ऐसा ही कुछ होगा उसकी यह मान्यता सही थी। कुछ नर्व-इंपल्स - पूरी नर्व को उत्तेजित करती हें। म्यूलर, नर्व-इंपल्स की गति को मापने की चेष्टा करता रहा परन्तु 1830 में उसने यह प्रयास छोड दिया। उसे लगा कि नर्व-इंपल्स इतनी तेज गति से इतनी छोटी दूरी तय करती हे इसलिए उसकी रफ्तार को मापना शायद असम्भव होगा। यह म्यूलर की गलतफहमी थी। 1852 में म्यूलर जब जीवित था तभी उसके एक छात्र जर्मन जीव-शास्त्री हरमन लुडविग फॉन हेल्महुल्टज (1821-1894) ने इस गति को मापा। । इसके लिए हेल्महुल्टज ने मेंढक की माँसपेशी की एक नर्व को उत्तेजित किया। उत्तेजित करने से नर्व थोड़ा फड़की। जब हेल्महुल्टज ने माँसपेशी के बहुत करीब स्थित नर्व को उत्तेजित किया तो माँसपेशी झट से फड़की। फिर उसने माँसपेशी से सबसे दूर स्थित नर्व को उत्तेजित किया। इस बार माँसपेशी फड़की पर उसे एक क्षण का समय लगा। हेल्महुल्टज ने इस समय को मापा और उससे नर्व-इंपल्स की स्पीड को ज्ञात किया। मेंढक की नर्व-इंपल्स 66 फीट प्रति सेकंड या 45 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करती है। मनुष्यों में नर्व-इंपल्स की गति 70 मील प्रति घंटा होती है। इसी बीच एक अन्य जर्मन जीव-शास्त्री एमिल रेमोने (1818-1896) ने सूक्ष्म विद्युत करंट को मापने के कई उपकरणों का आविष्कार किया। 1845 में उसने दिखाया कि नर्वस में भी विद्युत-करंट होता हे।




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