क्यों ? | KYOON ?
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
18
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कमला बकाया - KAMALA BAKAYA
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हम ही तो महल उठाते हैं,
हम ही तो अन्न उगाते हैं।
सब काम हम ही तो करते हैं
फिर उलटे भूखों मरते हैं। 2686.
बूढ़ा तो हूं, बेजान नहीं, 4० -न्क
क्या मन में कुछ अरमान नहीं? :अ्
मैंने भी कुनबा पाला था,
बरसों तक काम सँभाला था।
जब तक था ज़ोर जवानी का, #
मुँह देखा रोटी-पानी का।
यह टॉग जो अपनी टूट गई
रोटी भी हम से रूठ गईं। _
कुछ काम नहीं कर पाता हूँ
यूं दर-दर ठोकर खाता हँ।
जोडों में होता दर्द बडा,
गिर जाता हूँ में खड़ा-खड़ा।
न बीबी है, न बच्चा है, *
इक सूना-सा घर कच्चा है।
में भी सोचा करता हूँ यों
आहें गरीब है भरता क्यों?
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