हमें जीवन की उत्पति के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE FIND ABOUT BEGINNING OF LIFE

HOW DID WE FIND ABOUT BEGINNING OF LIFE by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAआइज़क एसिमोव -ISAAC ASIMOVपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जाती है। उसके बच्चों को वो गुणधर्म विरासत में मिलते हैं और उनकी गर्दन उनके मां-बाप से थोड़ी अधिक लम्बी होती है। और यह सिलसिला हजारों साल तक, पीढी-दर-पीढ़ी जारी रहता है और उसके बाद वो हिरन एक जिराफ में तब्दील होता है। इसी प्रकार अन्य प्रजातियां तेज, बड़ी, छोटी आदि होती हैं। पर खुद द्वारा हासिल किए गए परिवर्तनों को जीव अपने बच्चों को विरासत में नहीं देते। लाहमार्क॑ने बार-बार इसका परीक्षण किया और इसे गलत पाया। इससे कहीं उपयोगी सुझाव ब्रिटिश प्रकृतिवादी चार्ल्स डारविन (1809-1882 ) ने दिया। 1859 में उन्होंने एक पुस्तक द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज प्रकाशित की। इसमें उन्होंने लिखा कि किसी एक प्रजाति के अलग-अलग सदस्य, हमेशा एक-दूसरे से कुछ अलग होते हैं। कुछ शायद अधिक बलवान हों, कुछ ज्यादा तेज दौड़ते हों, कुछ का रंग गहरा हो या आंखें या नाक ज्यादा सुंदर हो। चार्ल्स डारविन (८/+1511.65 0819५/1।५




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