चालाक लोमड़ी | CHALAAK LOMBDI

CHALAAK LOMBDI by कविता - KAVITAपुस्तक समूह - Pustak Samuhरूबी - RUBI

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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से भागा, और पीपे का ढक्कन खुला छोड़ दिया। वह रसोई की ओर भागा, और देखा कि वहाँ पर फर्श पर मलाई में सूअर लोट रहा था। उसने लपककर लाठी उठाई और सूअर के मुँह पर मारी और सूअर गिर पड़ा और मर गया। अब वहाँ करने को कुछ नहीं बचा था। तभी अचानक उसे फिर याद आया कि उसने तो पीपे का ढक्कन खुला छोड़ दिया था । वह अनाजघर में भागा और देखा कि पीपा खुला पाया और फर्श पर सेब का रस बिखरा हुआ था । वह क्‍या करता? वह अनाजघर में चारों ओर घूमकर देखने लगा कि कहीं कुछ मक्खन बनाने के लिए मलाई मिल जाये पर कुछ नहीं मिला। अब वह वापस रसोई में आकर कामों को व्यवस्थित करने के बारे में सोचने लगा। तभी उसे ख्याल आया कि खाली पीपषा सूख जाने की वजह से टूट गया था। 15 / चालाक लोमड़ी




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