झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई | JHANSI KI RANI LAKSHMIBAI

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वृन्दावनलाल वर्मा -Vrindavanlal Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गंगाधर राव : अच्छा। कहाँ है ऐसी कन्या... ? तात्या दीक्षित : महाराज। आज्ञा हो तो जन्मपत्री का मिलान करूँ? ( गंगाधर राव इशारे से स्वीकृति देते हैं, तात्या दीक्षित जन्मपत्री का मिलान करते हैं - जन्मपत्री मिल जाती है... ) तात्या दीक्षित : महाराज! अद्भुत! ऐसे योग और गुण तो आज से पहले किसी के मिले ही नहीं। महाराज स्वीकृति दें तो मोरोपन्त को भी यह शुभ समाचार सुना दूँ। (सब खुश होते हैं और तात्या दीक्षित को बधाई देते हैं।) गंगाधर राव : समारोह की तैयार शुरू की जाये। दृश्य नौ (मनु की सगाई हो रही है। मनु आभूषणों से लदी हुई है - नाना सा., राव सा., और मनु के बीच बातचीत ) नाना : अब तो मनु झाँसी से हाथियों पर बेठकर आया करेगी। झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई




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