छिपा रहस्य | CHIPA RAHASYA
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
245 KB
कुल पष्ठ :
10
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
क्वेंटिन रेनाल्ड - QUENTIN REYNOLD
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्ट्रीट पहुँच जाती। फिर घोड़ा पहले घर पर रुकता और
पियरे को नीचे उतर कर दरवाज़े के सामने एक बोतल दूध
रखने के लिए करीब तीस सेकेंड की मोहलत देता। घोड़ा
फिर दूसरे घर पर रुकता।
इस तरह पियरे और घोड़ा पूरी एडवर्ड स्ट्रीट की लंबाई
पार करते। फिर गाड़ी को घुमाकर दोनों वापस आते।
सचमुच जोज़फ बहुत होशियार घोड़ा था।
अस्तबल में पियरे, जोज़फ की तारीफ करते न थकता।
“में कभी उसकी लगाम छूता तक नहीं हूं। कहां-कहां
रुकना है यह उसे अच्छी तरह मालूम है। अगर जोज़फ
घोड़ागाड़ी खींच रहा है, तो मेरी जगह अगर कोई अंधा
आदमी भी हो, तो काम चल जायेगा।!!
बरसों तक यही सिलसिला चलता रहा। पियरे और
जोज़फ धीरे-धीरे बूढ़े होने लगे । पियरे की मूंछे अब पक
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कर सफेद हो गयीं थीं। जोज़फ भी अब अपने घुटनों को
उतना ऊंचा नहीं उठा पाता था। अस्तबल के सुपरवाइजर
जैक को उनके बुढ़ापे का पता तब चला जब एक दिन
पियरे लाठी के सहारे चलता हुआ आया।
“क्या बात है पियरे, '” जैक ने हंस कर पूछा। “क्या
तुम्हारी टांगों में दर्द है?”” “हां जैक, '” पियरे ने जवाब
दिया। मैं अब बूढ़ा हो रहा हूं और पैर भी दर्द करने लग
गए हैं।'!
“बस! तुम अपने घोड़े को दरवाज़े पर दूध की बोतलें
रखना सिखा दो, '”' जैक ने कहा। “बाकी सारा काम तो
वह करता ही है।''
एडवर्ड स्ट्रीट पर बसे सभी चालीस परिवारों को पियरे
अच्छी तरह जानता था। घर के नौकरों को मालूम था कि
पियरे लिख-पढ़ नहीं सकता, इसलिए वह उसके लिए
कोई चिट्टी नहीं छोड़ते थे। अगर कभी दूध की और बोतलों
की ज़रूरत होती, तो वे घोड़ागाड़ी की आवाज़ सुन कर दूर
से ही चिल्लाते, '“पियरे, आज एक और बोतल देना।”!
पियरे की याददाश्त बहुत अच्छी थी। वापस अस्तबल
पहुंच कर बिना गलती किये वह जैक को दूध का सारा
हिसाब बता देता । जैक अपनी डायरी में तुरंत हिसाब नोट
कर लेता था।
एक दिन दूध कम्पनी का मैनेजर सुबह-सुबह अस्तबल
भ
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