हमें ऊर्जा के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE FIND ABOUT ENERGY
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
41
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)टुकड़ों को अणु बुलाया।
अणु इतने छोटे थे कि उन्हें आंखों से देख पाना असम्भव था। परन्तु
अणुओं की अवधारणा वैज्ञानिकों को इतनी उपयोगी प्रतीत हुई कि धीरे-धीरे बहुत
से वैज्ञानिक अणुओं की वास्तविकता में विश्वास करने लगे।
वैज्ञानिकों ने अणुओं को खोजने के लिए बहुत सोच-समझ कर कई
प्रयोग रचे। और समय बीतने के साथ-साथ उन्होंने सूक्ष्म अणुओं के बारे में बहुत
कुछ जाना। ऊष्मा इन अणुओं की गतिशीलता के कारण उत्पन्न होती है इस
अवधारणा को मानने में ही अब समझदारी थी।
किसी भी पदार्थ के अणु जितना अधिक तेजी से किसी भी दिशा में
गतिशील होते वो पदार्थ उतना ही अधिक गर्म होता।
कोई पदार्थ कितना गर्म है इसे आप थर्मामीटर (तापमापी) से उसका
तापमान माप कर मालूम कर सकते हैं। 1800 तक उच्च गुणवत्ता के तापमापियों
की खोज हो चुकी थी। इससे ऊर्जा का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को बहुत
फायदा हुआ।
गराकश्षाणाशंश
थर्मामीटर
60905
अब जब ऊष्मा को गतिज-ऊर्जा का एक प्रकार समझा जाने लगा तो
फिर वैज्ञानिक यांत्रिक-ऊर्जा के संरक्षण के नियमों को अब नए नजरिए से देख
सकते थे। परन्तु इससे काम नहीं बना क्योंकि कुछ यांत्रिक-ऊर्जा लगातार ऊष्पा
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