कुछ और जन-कहावतें | KUCH AUR JAN KAHAVATEN- BGVS

Book Image : कुछ और जन-कहावतें  - KUCH AUR JAN KAHAVATEN- BGVS

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

तपोश चक्रवर्ती - TAPOSH CHAKRAVORTY

No Information available about तपोश चक्रवर्ती - TAPOSH CHAKRAVORTY

Add Infomation AboutTAPOSH CHAKRAVORTY

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
221 22% 23 24. ०2.00 26. 2174 20% 2.95 30५ ७ ॥ 3:25 . पूरा भरा प्याला, धीरे-धीरे ले जाना चाहिए। . अपनी बातें बेहिचक बतानेवाला, नापसंद बातें सुनेगा। . जो तर्क का प्रयोग न कर सके, उसे प्रेरणा का प्रयोग करने दो। . अपनी रोटी-दाल से मत लडो। . खाना लगाया और झगड़ा खत्म। . तीन से बचना अजनबी कुत्ता, बाढ़ और खुद को बुद्धिमान मानने वाला आदमी। . नाजुक शब्दों और कठोर तर्कों का प्रयोग करो। . जो किसी भी समय किया जा सकता है, कभी नहीं किया जाता। . भूखा आदमी, गुस्सा आदमी। . गरीब सुंदरी को पति से ज़्यादा प्रेमी मिलते हैं। . चम्मच नहीं जानता खाने का ज़ायका, पढ़ा-लिखा बेवकृफ़ नहीं जानता समझदारी का स्वाद। बच्चे, गरीब का धन हैं। छोटे बच्चे मां को चूसते हैं, बड़े होने पर बाप को। मौत, हमेशा बहुत जल्दी आती है या बहुत देर में। मौत, सारे कर्ज़ अदा कर देती है। शैतान को उसका हिस्सा दो। भगवान, अमीर की मदद करता है; गरीब को भीख मांगने दो। सफ़ेद बाल, मौत के फूल। जो अपने लिए बुद्धिमान नहीं, वास्तव में बुद्धिमान नहीं। परेशानी ढूंढनेवाला, परेशानी हमेशा पा लेता है। शैतान के साथ खाना खाना, लंबे चम्मच की ज़रूरत। दोनों में खतरा बराबर है- किसी पर विश्वास न करना और सब पर विश्वास करना। आखिरी जहाज़, सबसे अच्छा जहाज़। 16




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now