जैनी | JENNY

JENNY by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविक्टर ह्यूगो - Victor Hugo

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

विक्टर ह्यूगो - Victor Hugo

No Information available about विक्टर ह्यूगो - Victor Hugo

Add Infomation AboutVictor Hugo

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
है और लड़की मुश्किल से बोल पाती है। वह बेचारी भली ओरत बहुत _ जरुरतमंद थी।” मुछआरा गंभीर हो गया। “मुसीबत!” अपनी तूफान से भीगी टोपी एक कोने में फेंककर वह सिर खुजाते हुए बोला, “हमारे पास पहले ही पांच बच्चे हैं, ये सात हो गए । और इस बुरे मोसम में हमें पहले ही खाए बिना रहना पड़ रहा है। अब हम क्या करें? हुंह, यह मेरी गलती तो हे नहीं, यह तो ईश्वर की करनी हे। यह सब मेरे लिए समझ से बाहर है, उसने इन नन्‍्हों की मां क्‍यों छीन ली? ऐसी चीजें समझना बहुत कठिन है। यह समझने के लिए तो बहुत विद्वान होना “2




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now