सुनहरे सपने देखने वाला पक्षी | SUNHERE SAPNE DEKHNE VALA PAKSHI

SUNHERE SAPNE DEKHNE VALA PAKSHI by कड़ कड़ -KAD KADपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३. पहले दिन के अभ्यास के बाद, वह थोड़ा-थोड़ा उड़ने लगा। जंगली हंस ने उसे प्रोत्साहित करते हुए कहा : 'जमीन से थोड़ा ऊपर उठ जाना ही काफी नहीं है। अच्छी तरह उड़ने के लिए तुम्हें कठिन से कठिन परिस्थिति में भी उड़ने का अ्रभ्यास करना चाहिए ।”




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