कवितायें | POEMS

POEMS by अमृता प्रीतम - Amrita Pritamपुस्तक समूह - Pustak Samuh

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

अमृता प्रीतम - Amrita Pritam

No Information available about अमृता प्रीतम - Amrita Pritam

Add Infomation AboutAmrita Pritam

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मैं भी उदास, चुप, शान्‍्त और अडोल सिर्फ- दूर बहते समुन्द्र में तूफान है..... कजजत्नम्नप्सस्केसकसकसप्नप्नः मे याव आज सूरज ने कुछ घबरा कर रोशनी की एक खिड़की खोली बादल की एक खिड़की बंद की और अंधेरे की सीढियां उतर गया.... आसमान की भवों पर जाने क्‍यों पसीना आ गया सितारों के बटन खोल कर उसने चांद का कुर्ता उतार दिया.... मैं दिल के एक कोने में बैठी हूं तुम्हारी याद इस तरह आयी जैसे गीली लकड़ी में से गहरा और काला धूंआ उठता है.... साथ हजारों ख्याल्र आये जैसे कोई सूखी लकड़ी सुर्ख आग की आहें भरे, दोनों लकड़ियां अभी बुझाई हैं वर्ष कोयले की तरह बिखरे हुए कुछ बुझ गये, कुछ बुझने से रह गये वक्त का हाथ जब समेटने त्रगा पोरों पर छाले पड़ गये....




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now