भलाई कर , बुराई से डर | BHALAI KAR BURAI SE DAR

BHALAI KAR BURAI SE DAR by अज्ञात - Unknownपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मभला भाई बोला: “ हम चिट्ठी निकाल लेते हैं: रूपवती के पास कौन जाये , इसका फ़ैसला हमारी क्रिस्मत ही करे। ४ भाइयो , हमने शिला-पट्ट साथ ही ढूंढ़ा है,” छोटे भाई ने कहा , “इसलिए चलो हम साथ ही रूपवती को ढूंढ़ने चलें। और यदि हमें उसे अपनी आँखों से देखने का सौभाग्य मिला , तो फिर उसे ही हम तीनों में से किसी को अपना पति चुन लेने देंगे। तीनों ने मही फ़ैसला किया। उन्होंने शिला-पट्ट उठाया, किन्तु उसके नीचे एक और अद्भुत वस्तु मिली: एक चमड़े के थैले में बहुमूल्य खज़ाना था-तीन हज़ार पुरानी अशर- फ़ियां। उन्होंने धन बराबर-बराबर बांट लिया और बिना अपने गांव में गये दुलहन की खोज में निकल पड़े। उन्होंने स्तेपी का कोना-कोना छान मारा , उनकी काठियां घिस गयीं , घोड़ों के साज़ चिथड़े-चिथड़े हो गये, घोड़े थककर मर गये, किन्तु उन्हें वह बाला कहीं नहीं मिली , जिसका चित्र शिला-पट्ट पर उकेरा हुआ था। अन्त में यात्री ख़ान की राजधानी में पहुँचे। वहाँ उन्हें शहर के छोर पर एक वृद्धा मिली। युवकों ने उसे शिला-पट्ट दिखाकर पूछा कि क्या वह जानती है.कि सुन्दरी , जिसका चित्र पत्थर पर अंकित है, किस देश में रहती है। “मुझे क्‍यों न पता होगा, ” स्त्री ने उत्तर दिया। “यह हमारे ख़ान की बेटी है। इसका नाम अयस्लू है। दुनिया में उसके जैसे रूप और गुणोंवाली और कोई लड़की नहीं है। ” लम्बी राह की थकान और कठिनाइयों को भुलाकर तीनों भाई तुरन्त खान के महल की ओर. रवाना हो गये। पहरेदारों ने शिला-पट्ट पर लिखा आलेख पढ़कर उन्हें तुरन्त खान की बेटी के कक्ष में जाने दिया। जीती-जागती आयस्लू को देखकर युवक किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो गये : उसका नाम चन्द्रमा पर ही रखा गया था और खुद वह सूरज की भांति द्युतिमान थी। * “ आप कौन हैं?” अयस्लू ने पूछा। “ आपका किस काम से मेरे पास आना हुआ है?” बड़े भाई ने सबकी ओर से उत्तर दिया: “ मालकिन , स्तेपी में शिकार करते समय हमें एक शिला-पट्ट मिला, जिस पर आपका चित्र अंकित था और हम आधी दुनिया पार करके उसे आपके पास लाये हैं। अपना वादा पूरा कीजिये , अयस्लू ! हममें से किसी एक को अपना पति चुन लीजिये। ” सुल्दरी बहुमूल्य क़रालीन से उठी और भाइयों के पास आकर बोली: “ बहादुर नौजवानो , मैं अपने वादे से मुकरती नहीं हूँ। पर आप तीन हैं और मेरी नज़रों में तीनों बराबर हैं, लेकिन आप में से किस को चुनना न्यायपूर्ण होगा? आप में से किसे सर्वश्रेष्ठ मानूँ ? मैं आपके प्रेम की परीक्षा लेना चाहती हूँ। मैं आप में से उसी * कज़ाख्र भाषा में “अय ” का अर्थ -चन्द्रमा होता है और “स्लू” का - रूपवती ! श्ड




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