रोबोट और तितिली | ROBOT AUR TITLI
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
85
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh
विआउते जिलिन्स्काइते - VITOUTE JILINSKYTE
No Information available about विआउते जिलिन्स्काइते - VITOUTE JILINSKYTE
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कोई भी उत्तर न पाकर हिमिका नीचे उतर आई और फिर से सड़क पर चलने लगी। निरुद्देश्य और
एकाकी जीवन से दुखी हिमिका दर-दर भटकने लगी।
अन्त में वह एक बड़े बगीचे में आ पहुंची और गर्मी से मुरकाए हुए डेजी के पौधे के करीब बैठ
गई। बह डेज़ी की टहनी से चिषटी और फूट-फूटकर रोने लगी। आंसू बह निकले और तब उसने महसूस किया
कि वह पिघल रही है। उसका स्वरूप पारदर्शी जल की एक बड़ी-सी बूंद में बदल रहा है। अब पता चला कि
बादल बाबा ने उसे क्यों चेतावनी दी थी: देखो, आज के बाद फिर कभी मत रोना।
“ धन्यवाद दोस्त! ' हिमिका को पिघलते समय डेज़ी की आवाज़ सुताई दी। “ तुमने मुझे नया जीवन
दिया है, जब मैं प्यास से मर रहा था।...
User Reviews
No Reviews | Add Yours...