बाज़ का गीत | BAAZ KA GEET

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मेक्सिम गोर्की - MAXIM GORKY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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और तूफान के बादल समुद्र की सतह पर घिरते आ रहे हैं-अधिकाधिक नीचे, अधिकाधिक काले ,-और गीत गाती तथा छलछलाती लहरें-गरज और गड॒गडाहट से गले मिलने की उमंगों से भरी-ऊँची उठ रही हैं-ऊँची उठती जा रही हें! बिजली कडकती ओर दमामा बजता है। समुद्र की लहरें हवा के झोकों के विरुद्ध भयानक युद्ध में कूद पड़ती हें और हवा के झोंके-उन्हें अपने लौह आलिंगन में जकड़-उनके इस समूचे हरे कंच-भार को चट्टानों पर दे मारते हैं ,- और उनका एक-एक कण छितरा जाता हे। तूफानी पितरेल पक्षी-अंधकार को चीरकर कौंध जाने वाली बिजली की रेखा की भाँति-तीर की तरह तूफान के बादलों को बींधता, तेज धार की भाँति पानी को भीतर से काटता चक्कर लगा रहा है और अपनी चीख से आकाश गुँजा रहा है! दानव की भाँति-सदा अट्टाहस करते और सुबकते तूफान के काले दानव की भाँति-वह निर्बाध मण्डरा रहा है,-तूफान के बादलों पर अट्टाहास करता, आनन्दातिरेक से सुबकता। तूफानी .... ड्रप्ठ तूफानी पिततरेल पक्षी का गीत...




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