लड़का, लड़की और ठण्ड | LADKA, LADKI OR THAND

LADKA, LADKI OR THAND by मक्सिम गोर्की - maxim gorki

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“7८ | ल्व्क्टाा / “बहुत ठीक,” उसके साथी ने सराहना से सिर हिलाते हुए कहा-” यही असली चीज है। अब, मिसाल के लिए, चची अनफिसा को लो। चची अनफिसा क्‍या हे? सबसे पहली बात यह कि वह पियक्कड है। और इसके अलावा... ” और मिश्का ने, सराहनीय साहस के साथ, खुलकर बताया चची अनफिसा इसके अलावा और क्‍या है। कात्का ने सिर हिलाकर चची के बारे में उसके मूल्यांकन से सहमति प्रकट को। “तुम उसका कहना नहीं मानती। यह ठीक नहीं है। तुम्हे मिसाल के तोर पर, कहना चाहिए-- मैं अच्छी लड़की बनूगी, चची तुम्हारी बात का में ध्यान रखूँगी...' दूसरे शब्दों में यह कि उसको मुलायम मक्खन लगाती रहो और इसके बाद जो मन में आए करो यह सही तरीका है।” मिश्का चुप हो गया और रोबीले अन्दाज में अपना पेट खुजलाने लगा, जैसे कि अपना भाषण झाडने के बाद सिगनेई करता था। और जब उसे और कोई विषय नहीं सूझा तो उसने अपने सिर को हल्का-सा झटका दिया और बोला- “हाँ तो अब खाना चाहिए।” “ आओ, शुरू करें, ” कात्का ने, जो कितनी ही देर से रोटी और सासेज की ओर भूखी आँखों से देख रही थी, सिर हिलाकर सहमति प्रकट को। एक छोटे लड़के और छोटी एक लड़की की कहानी




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