बेटियाँ के पक्ष में | Betiyon Ke Paksh Me

Betiyon Ke Paksh Me  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आग बुझाने की बात कर सोलो- जरूरी है कि मिलकर खून की बौछार को रोकें, कि इस पागल हवा की तेज होती धार को रोकें। महंतों और मुल्लाओं से सारा देश आजिज है, नकाबें इनकी उलटें, इनके कारोबार को रोकें। कोरस- राहों में न अंगार बिछाने की बात कर, गर हो सके तो आग बुझाने की बात कर। तू भी न सो सकेगा अपने घर में चैन से, घर तू न पड़ोसी का जलाने की बात कर। मांओं की गोद दुल्हनों को मांग मत उजाड, उजडे हुए दिलों को बसाने को बात कर। तू कर रहा वो जुल्म तेरी मां-बहन पे हो, यह सोच जरा फिर सितम ढाने की बात कर। आंसू किसी भी आंख में अच्छे नहीं लगते, रोती हुई आंखों को हंसाने की बात कर। लड़ना है तो मंहगाई से लड़ भुखमरी से लड॒, इस हिटलरी सत्ता को मिटाने की बात कर। छा




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