डॉक्टर डूलिटिल की यात्रायें | DOCTOR DOLITTLE KEE YATRAYEN

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ह्यू लोफ्टिंग - HUGH LOFTING

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उस जेल में सिर्फ एक ही खिड़की थी. वो दीवार पर बहुत उंचाई पर स्थित थी और उसमें लोहे की मोटी सलाखें लगी थीं. जेल का दरवाज़ा भी बहुत मोटा और मज़बूत था. जेल्न की दीवारें मोटे-मोटे पत्थरों की बनी थीं. उन्हें देखकर गुब-गुब सूअर रोने लगा. उन्हें देखकर डॉक्टर डूलिटिल भी चिंतित लगे. पर पोलीनीशिया तोते ने कहा, में छोटा हूँ और लोहे की छड़ों के बीच से आसानी से आ-जा सकता हूँ. आज रात में सलाखों के बीच से निकलकर उड़कर महल में जाऊँगा. फिर मैं किसी चात्र से तुम लोगों को यहाँ से मुक्ति दिलवाऊंगा.”




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