भाग्य रेखा | BHAGYA REKHA
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
829 KB
कुल पष्ठ :
9
श्रेणी :
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भीष्म साहनी - Bhisham Sahni
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| है, रहा था।
हि ““'लाग-लपेट वाली बात नहीं करो, जो हाथ में लिखा है, वही।
$ ड पढो |” कं 2).
| 28 “इधर अंगूठे के नीचे भी तिकोन बनती है। तेरा माथा बहुत साफ |. ४
1. 1 |है,धनजरूरमिलेगा ।'' ।
४.४. “कब? '' पी
शा “जल्दी ही।” देखते ही देखते उसने ज्योतिषी के गाल पर एक ९ 7 ३ 5
| हऋ%- थप्पड़ दे मारा। ज्योतिषी तिलमिला गया। 10%
धर पं कब धन मिलेगा? धन मिलेगा। तीन साल से भाई के टुकड़ों पर -
. शिक्ष| पड़ा हूं। कहता है, धन मिलेगा।' 0:
1 उठाकर जाने लगा, मगर यजमान ने (६-#
(578. मीठी-मीठी बातें तो बता दीं, अब जो लिखा है वह बता, मैं कछ 9 हे
| (| नहीं कहूंगा।”” ६#(
। | ः ज्योतिषी कोई बीस-बाईस वर्ष का युवक था ! काला चेहरा, सफंद ॥ ॥ | '( | र
॥ 0) ४ कुर्त्ता और पाजामा जो जगह-जगह सिला हुआ था। बातचीत के ढंग ही है. ै
| बी से बगाली जान पड़ता था। पहले तो घबसाया फिर हथेली पर-यजमान |, ६ ही
| _/| का हाथ लेकर रेखाओं की मूक भाषा पढ़ता रहा। फिर धीरे से बोला: बि्ँ: ।
एप तेरे भाग्य रेखा नहीं है।'” यजमान सुनकर हंस पड़ा | “ऐसा कह। | ५ है
1४,| 1 साले, छिपाता क्यों है? भाग्यरेखा कहां होती है?” $ |
॥ है |. इधर, यहा से उस अंगुली तक जाती है।
1८) | “'भाग्य-रेखा नहीं होती है तो धन कहां से मिलेगा? ''
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