प्रायश्चित | PRAYASHCHIT
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
794 KB
कुल पष्ठ :
8
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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प्रेमचंद - Premchand
प्रेमचंद का जन्म ३१ जुलाई १८८० को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। प्रेमचंद की आरंभिक शिक्षा फ़ारसी में हुई। सात वर्ष की अवस्था में उनकी माता तथा चौदह वर्ष की अवस्था में उनके पिता का देहान्त हो गया जिसके कारण उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षमय रहा। उनकी बचपन से ही पढ़ने में बहुत रुचि थी। १३ साल की उम्र में ही उन्होंने तिलिस्म-ए-होशरुबा पढ़ लिया और उन्होंने उर्दू के मशहूर रचनाकार रतननाथ 'शरसार', मिर्ज़ा हादी रुस्वा और मौलाना शरर के उपन्यासों से परिचय प्राप्त कर लिया। उनक
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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तो देखती है कि कबरी दूध पर जुटी हुई
बल लगा कर पाटा उसने बिल्ली पर ।
न चीखी न चिललाई, बस एकदम उलट गई।
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सास पूजा
झुकाए हुए अपराधिनी
बोली
घटनास्थल पर उपस्थित हो गईं।
की भाँति बातें सुन रही है।
महरी बोली--''अरे राम! बिल्ली तो मर गई, माँ
हत्या बहू से हो गई, यह तो बुरा हुआ ।
मिसरानी बोली--''माँ जी, बिल्ली की हत्या और
बराबर है, हम तो रसोई न बनावेंगी, जब तक बहू के सिर रहेगी है
सास जी बोलीं--''हाँ ठीक तो कहती हो, अब जब तक
उतर जाए, तब तक न कोई पानी पी सकता है -
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सास की जान-में-जान आई--''
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बिल्ली की हत्या की खबर बिजली की तरह पड़ोस में फेल गई-- पड़ोस
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की ओरतों का रामू के घर पें ताँता बैंध गया। चारों तरफ से प्रएनों
बोछार ओर रामू की बहूसिझुकाए बेठी।.. कं
: पंडित परमसुख को जब यह खबर मिली, उस समय :
थे। खबर पाते ही वे उठ पड़े--पंडिताइन से मुस्कराते
न बनाना, लाला घासीराम की पतोहू ने बिल्ली मार डाली, प्रायश्चित
होगा, पकवानों पर हाथ लगेगा ५1541 ७1 51. 20७
3-3. 3 के
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