दिन में तारे क्यों नही दिखते ? | DIN MEIN TARE KYOON NAHIN DIKHTE
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
26
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)लोग हजारों सालों से तारों को निहारते आ
रहे हैं. बहुत पहले उन्हें आसमान में कुछ
अजीब चीज़ नज़र आई. आसमान में
ज़्यादातर तारे एक ही स्थान पर बने रहते
थे.
पर कुछ तारे इधर-उधर घूमते भी थे.
हमारे पुरखों ने इन घूमने वाले तारों को
एक नाम दिया - ग्रह (प्ल्रैनेट).
प्लैनेट शब्द का मतलब होता है -“भटकने
वाला”,
आज हम ना ग्रहों के बारे में जानते हैं.
यह ग्रह, सूर्य की परिक्रमा लगाते हैं.
हमारी पृथ्वी उनमें से एक ग्रह है.
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