मोहनलाल मधुकर - Mohanlal Madhukar
लेखक व साहित्यकार का परिचय
नाम - मोहनलाल मधुकर
जन्मतिथि- 13 अगस्त, 1936
पिता- पं. भँवर सिंह, व्यवसाय-कृषि
माता- श्रीमती कम्पूरी देवी, सद्गृहिणी
जन्म स्थान- ग्राम धौरमुई, जिला-भरतपुर (राजस्थान)
शैक्षणिक योग्यता- एम. ए. (हिन्दी), एम.एड.
पत्नी- श्रीमती निर्मला देवी, सद्गृहिणी
पुत्र- 1. डॉ. महेश कुमार शर्मा एम.डी. (आयुर्वेद), एसोसिएट प्रोफेसर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर
2. अनुराग मधुकर एम.एस.सी. कृषि सांख्यिकी (स्वर्णपदक प्राप्त), कम्प्यूटर प्रोग्रामर राजस्थान सचिवालय, जयपुर
3. आदर्श मधुकर, एम.ए. (हिन्दी) बी.एड., सर्टीफिकेट कोर्स इन कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, एम.जे.एम.सी., विशेष संवाददाता दैनिक 'भास्कर', भरतपुर यूनिट। (मोबाइल फोन नं.- 9414556777)
स्थायी पता- 16, आदर्श कॉलोनी,
भरतपुर -321 001 (राज.)
व्यवसाय-
1. अंकेक्षक पद पर कार्य- सर्वप्रथम 1959 में भारत सरकार के राजस्थान के मुख्य लेखापाल कार्यालय (ए.जी. ऑफिस) जयपुर में अंकेक्षक के पद पर कार्य किया। अपरिहार्य कारणों से नौकरी छोड़कर अपने पैतृक निवास धौरमुई (भरतपुर) आ गए।
2. अध्यापन-(क)- श्री सनातन धर्म उच्च माध्यमिक विद्यालय, भरतपुर में जुलाई 1960 से 27 वर्ष व्याख्याता (हिन्दी), तत्पश्चात् 7 वर्ष प्रधानाचार्य रहकर 31 अगस्त 1994 को सेवानिवृत्त।
(ख) इसके उपरान्त लगभग 6 महीने (एक सत्र पर्यन्त) आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय केशव नगर, भरतपुर में प्रधानाचार्य के रूप में पूर्णकालिक नियमित मानद सेवाएं दीं।
(ग) मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की परीक्षाओं के संचालन हेतु अप्रेल 2000 से अक्टूबर 2003 तक नोडल अधिकारी के रूप में कार्य किया।
3. पत्रकारिता- (क) भरतपुर जिले से संवाददाता के रूप में अनेक दैनिक पत्रों को नियमित संवाद-प्रेषण-
(1.) 'नवभारत टाइम्स', नई दिल्ली को लगभग 17 वर्ष (1956 से 1958 तथा 1966 से 1980 तक), (2.) अमर उजाला', आगरा (1956 से 1958), (3.) 'सैनिक', आगरा (1970 से 1971), (4.) 'राष्ट्रदूत', जयपुर (1971 से 1973),(5.) राजस्थान पत्रिका', जयपुर (1973-1974) तथा (6.) अधिकार', जयपुर (1981 से 1982)।
(ख) पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन-
(1.) श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर की ओर से प्रकाशित शोधपूर्ण साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका 'समिति वाणी' (1962-64), (2.) 'भारतीय चिन्तन' मासिक, भरतपुर (1965-66), (3.) 'भारतीनंदन' मासिक, भरतपुर (1967), (4.) 'परिप्रश्न' साप्ताहिक, भरतपुर (1970), तथा (5.) राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर की त्रैमासिक पत्रिका 'ब्रजशतदल' (1991 से 1997), (6.) जयपुर से लोकनायक जयनारायण व्यास की व्यवस्था में प्रकाशित तथा श्री रामकरण जोशी द्वारा सम्पादित 'सुराज्य' साप्ताहिक में सहायक सम्पादक के रूप में कार्य किया (1958-60), (7.) भरतपुर से 2 अक्टूबर, 1945 से प्रकाशित हो रहे साप्ताहिक समाचार पत्र 'नवयुग संदेश' का 4 फरवरी, 1997 से अद्यावधि निरन्तर सम्पादन एवं प्रकाशन।
(ग) अभिनन्दन ग्रन्थ जिनके सम्पादक-मण्डलों में रहकर सम्पादन-कार्य किया-
1. मा. आदित्येन्द्र अभिनन्दन ग्रन्थ (1972 )
2. श्री युगल किशोर चतुर्वेदी अभिनन्दन ग्रन्थ (1973)
3. डॉ. रामानन्द तिवारी अभिनन्दन ग्रन्थ (1982), प्रधान सम्पादक-"भारतीनन्दन रामानन्द तिवारी ' ' समिति वाणी' का विशेषांक ग्रन्थ के रूप में -सन् 2010) एवं श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर का 'शताब्दी ग्रन्थ' (2011), 44 सम्पादक- हीरक जयन्ती ग्रन्थ एवं कवि कुसुमाञ्जलि"-सन् 2012।
(घ) स्मारिकाओं का सम्पादन-
1. भरतपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की ओर से प्रकाशित 'नई मण्डी की रजत जयंती स्मारिका' (1972) 2. भरतपुर जिला पत्रकार परिषद की स्मारिका (1973) 3. जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित 'ब्रज महोत्सव स्मारिका' (1984) 4. वैद्य श्री दौलतरामजी चतुर्वेदी अभिनन्दन समारोह समिति द्वारा प्रकाशित 'एक नैष्ठिक व्यक्तित्व' पुस्तक का संपादन (विक्रम संवत् 2058)।
(च) स्वलिखित प्रकाशित ग्रन्थ -
1. भरतपुर का स्वातन्त्र्य संग्राम (सह लेखक, 1987 )
2. क्रान्तिधर्मी पत्रकार श्री काशीनाथ गुप्त (2003)
4. आकाशवाणी व दूरदर्शन से सम्बन्ध:
1. आकाशवाणी के जयपुर केन्द्र से 6 अप्रेल 1965 को पहली ब्रजभाषा वार्ता प्रसारित हुई। तत्पश्चात् जयपुर, मथुरा, दिल्ली और आगरा केन्द्रों से ब्रजभाषा एवं हिन्दी में लगभग 3 दर्जन साहित्यिक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त मथुरा आकाशवाणी से 1982 से 1987 की अवधि में ब्रज अंचल के सप्ताह भर के समाचारों की समीक्षा" समाचार साप्ताहिकी ' शीर्षक से 22 सप्ताह प्रसारित हुई।
2. दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर टेलीकास्ट 'माइंड वाच' धारावाहिक की तीन कड़ियों में सहभागिता।
5. साहित्यिक संस्थाओं व अन्य संस्थानों से सम्बद्धता -
(1.) श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर की कार्यकारिणी के सदस्य लगभग 25 वर्ष, मंत्री लगभग 15 वर्ष और अध्यक्ष लगभग 3 वर्ष वर्तमान में उसके संरक्षक सदस्य (आजीवन), (2.) राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की सरस्वती सभा के सदस्य लगभग 15 वर्ष रहे। इस अन्तराल में अकादमी के शोध, अनुसंधान एवं समारोह विभागों के सक्रिय सदस्य रहे।, (3.) अ.भा. ब्रज साहित्य मण्डल, मथुरा की स्थायी समिति के सदस्य 6 वर्ष तथा एक कालावधि तक प्रचार मंत्री रहे, (4.) राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा की भरतपुर शाखा के अध्यक्ष (1967 से 1968), (5.) अ. भा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की स्थायी समिति के सदस्य 1975 से लगभग 10 वर्ष तक, (6.) राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर के सदस्य उसकी स्थापना के समय 1985 से 2000 तक निरन्तर और अध्यक्ष 1991 से 1997 (त्रिवर्षीय दो कालावधियां), (7.) एक-एक कालावधि तक राज्य सरकार द्वारा मनोनीत राजस्थान राज्य पुस्तकालय विकास समिति के तथा केन्द्र सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा मनोनीत सामान्य उपभोक्ता सेवाओं के लिए
टेलीफोन सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
6. सम्मान- ब्रजभाषा, हिन्दी और पत्रकारिता के क्षेत्र में की गई सेवाओं के लिए राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर, डा. बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, अ.भा. ब्रज सहित्य संगम आगरा, राष्ट्रीय लोक परिषद बयाना, मित्र मंडली तरुण समाज समिति, भरतपुर, लॉयन्स क्लब भरतपुर, राजस्थान जन सांस्कृतिक परिषद, भरतपुर, राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर, जमुना जल संस्थान, मथुरा, यूथ जर्नलिस्ट एसोसिएशन राजस्थान, जयपुर (यूजार ) आदि संस्थानों द्वारा सम्मानित किए गए। इनके अतिरिक्त जिन अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं ने मानद सम्मानोपाधियां दी उनमें प्रमुख हैं- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ में गजेन्द्रनाथ चतुर्वेदी सुस्मृति साहित्य संस्थान का 'ब्रजभाषा साहित्य साधना सम्मान (2005 व 2012) , साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा से 'ब्रजभाषा विभूषण' (2006) एवं सम्पादन रत्न' (2009) की मानद उपाधियां, सूरश्याम सेवा संस्थान परासौली, गोवर्धन का 'महाकवि सूरदास सम्मान-2010 तथा श्री द्वारकेश राष्ट्रीय साहित्य परिषद, कांकरौली का 'देवीलाल शर्मा स्मृति सम्मान-2010' उल्लेखनीय हैं।
राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर ने अपने 55वें स्थापन दिवस पर 28 जनवरी 2012 को 11,000रुपये भेंटकर 'अमृत सम्मान-2012' से सम्मानित किया।
7. ग्रंथ संपादन-
राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर के लिए 5 दर्जन से अधिक ग्रन्थों का ब्रजभाषा गद्य में विस्तृत प्रस्तावना लिखकर सम्पादन किया। इन ग्रन्थों में उल्लेखनीय हैं-
1. काहे को झगरौ (उपन्यास पृष्ठ सं. 126),2. बल्लभकुल की बलिहारी (अष्टछाप के कवियों का विस्तृत परिचय एवं साहित्यिक विवेचन पृष्ठ सं. 200), 3. ब्रजविभूति पं. नन्दकुमार शर्मा (कवि का परिचय एवं समग्र ब्रजभाषा रचनाओं का संकलन पृष्ठ सं. 200), 4. ब्रजविभूति गिरिराज प्रसाद 'मित्र' (कवि का परिचय एवं समग्र रचनाओं का संकलन पृष्ठ सं. 150), 5. ब्रजविभूति चम्पालाल 'मंजुल' (कवि का परिचय एवं समग्र ब्रजभाषा कविताओं का संकलन (पृष्ठ संख्या 252), 6. नई रंगत कौ ब्रज काव्य (आधुनिक भावबोध की ब्रजभाषा कविताओं का संकलन (पृष्ठ संख्या 144), 7. तीखे तेवर पैनी धार (नुक्कड़ नाटक विवेचन और संकलन' पृष्ठ सं. 140), 8. मकरन्द ( कवित्त-सवैया- विवेचन व संकलन, पृष्ठ सं. 300 ), 9. सतसइया के दोहरे (बिहारी सतसई-साहित्य विमर्शक ग्रन्थ एवं बिहारी सतसई मूल, पृष्ठ सं. 180), 10. ब्रज लोक वैभव ( ब्रज लोक साहित्य की विविध विधाओं- लोकगीत, लोककथा, लोकोक्ति और लोकमंच का विस्तृत विवेचन व संकलन (पृष्ठ सं. 544), 11. ब्रज बांसुरी (ब्रज लोकगीतों का विवेचन और संकलन, पृष्ठ संख्या 240), 12. प्रताप शतक कविवर अक्षयकीर्ति व्यास रचित प्रात:स्मरणीय महाराणा प्रताप की वीररसात्मक यशोगाथा, ब्रजभाषा के ओजस्वी 100 कवित्तों में, (पृष्ठ सं. 64), (13 से 20) राजस्थान के अग्यात ब्रजभाषा साहित्यकार भाग 5 से भाग 12 तक के 8 ग्रन्थ (पृष्ठ स. क्रमश: 300, 270, 250, 300, 300, 300, 250 एवं 264), (21 से 51) 31 पुस्तकों में राजस्थान के विभिन्न अंचलों- जयपुर, भरतपुर, डीग, कोटा, कामां, भीलवाड़ा, अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली, उदयपुर एवं भवानी मण्डी में सृजनरत ब्रजभाषा के 31 साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विस्तृत परिचय के साथ 'ब्रज रचना माधुरी' शीर्षक से उनकी गद्य-पद्य रचनाओं का संकलन, (52 से 53) अनुष्ठान (अकादमी की गतिविधियों, प्रचार- प्रसार कार्यक्रमों, उपनिषदों, सेमिनारों, रचनाशिविरों, कवि सम्मेलनों आदि का विस्तृत विवरण) दो पुस्तकों में तथा (54 से 61) साहित्यकार सम्मान पुस्तिकाएं एवं अन्य लघु प्रकाशन।
8. विश्व हिन्दी सम्मेलनों में सहभागिता-
नागपुर में सम्पन्न 1975 के प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन में श्री हिन्दी साहित्य समिति भरतपुर का तथा नई दिल्ली में सम्पन्न 1983 के तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर का प्रतिनिधित्व किया।
9. स्वर्गारोहण- 27 दिसंबर, 2014