प्रेमनारायण शुक्ल - Prem Narayan Shukla
डॉ प्रेम नारायण शुक्ल का जन्म कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील के अंतर्गत ओरिया ग्राम में २ अगस्त, सन १९१४ को हुआ था। पांच वर्ष की आयु में माता का निधन हो गया था, पिता जी श्री नन्द किशोर शुक्ल, वैद्य थे। आपकी सम्पूर्ण शिक्षा -दीक्षा कानपुर में ही हुई। सन १९४१ में आगरा विश्वविद्यालय से एम. ए. की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ थाl इसी वर्ष अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन की 'साहित्यरत्न' परीक्षा में भी आपको प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ। श्री गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा चलाये गए अखबार 'प्रताप' से शुक्लजी ने अपने जीवन की शुरुआत एक लेखक के रूप में की l सन १९४३ से आपने डी. ए . वी. कॉलेज कानपुर में हिंदी प्राध्यापक के रूप में कार्य प्रारम्भ किया और सन १९६२ से १९७७ तक वहीं पर आप हिंदी-विभाग के अध्यक्ष पद पर रहे। अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् सन १९८२ तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशिष्ट प्रोफेसर के मानक पद पर रहे, इसके अतिरिक्त वे विभिन्न विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर भी थेl आप निरंतर हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से जुड़े रहे और बहुत समय तक सम्मेलन के साहित्य-मंत्री के पद पर कार्य किया l १२ जनवरी १९९१ को वे पंचतत्व में विलीन हुएl
सन १९५२ में शुक्लजी को आगरा विश्वविद्यालय ने उनके शोध -प्रबंध 'हिंदी साहित्य में विविधवाद ' पर पी-एच. डी की उपाधि से सम्मानित किया। तत्पश्चात उसी विश्वविद्यालय से सन १९६५ में 'संत साहित्य की भाषा' प्रबंध पर डी. लिट्.की उपाधि प्राप्त की l इन दोनों ही ग्रंथों को राजकीय सम्मान मिले और साथ ही हिंदी जगत में प्रतिष्ठा भीl इनके अतरिक्त 'भारतेन्दु की नाट्यकला','प्रेमचंद्र', 'संत कबीर', 'हिंदी गद्य पारिजात', 'आधुनिक गद्य-संग्रह',आपकी कृतियां हैं l आपके द्वारा संकलित पुस्तक 'सुकवि सुधा ' अनेक वर्षों तक यू .पी . बोर्ड की दसवीं कक्षा की पाढ्य पुस्तकों में से एक रही lआचार्य मुंशीराम शर्मा 'सोम' : साधना और सर्जना, सनेही रचनावरी, सभापतियों के भाषण संस्करण, आपकी कुछ अन्य रचनायें हैं
१९९० में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया था l सम्मेलन के अपने कार्यकाल में साहित्य-मंत्री के पद पर रहते हुए सम्पादकीय भूमिका को सकुशल निभाया, उनकी कार्यावधि के कुछ प्रमुख संपादन- आचार्य रामचंद्र शुक्ल जन्मशती विशेषांक, पत्रविशेषांक (निराला, हरिऔध, महावीर प्रसाद द्विवेदी, राहुल, प्रेमचंद्र, दिनकर, सियारामशरण गुप्त, भगवती प्रसाद बाजपेई आदि के पत्रों का संग्रह), आचार्य नन्ददुलारे बाजपेई, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, आचार्य मुंशीराम शर्मा "सोम", आचार्य परशुराम चतुर्वेदी (स्मृति विशेषांक), राष्ट्र कवि सनेही -जन्मशती विशेषांक, राजर्षि टंडन चित्रावली, आदि l