श्रीमद भगवत गीता | Shri Madh Bhagwad Geeta

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Shri Madh Bhagwad Geeta by स्वामी रामसुखदास - Swami Ramsukhdas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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घझ3 इलोक-संख्या विषय पुष्न-संख्या श्लोक-संख्या विषय पूष्स्सख्या पुरुषके लक्षण ........-८८-- ८द-८५६ (विशेष बात ९५७) (विशेष वात ८४९) २१-२४ आसुरी सम्पत्तिकि मूलभूत दोष- चौदहवें अध्याय और पद अक्षर काथ क्रोध और लोभसे रहित अर दवा +नस्टररटरर ८ होकर शाख्रविधिके अनुसार कर्म चौदहवें अध्यायमे प्रयुक्त छन्द ८५६ करनेकी प्रेरणा ...........-८- ९५९-९६३ पंद्रहवाँ अध्याय सोलहवें अध्यायके पद अक्षर और १-६ संसार-वृक्षका तथा उसका छेदन उस -न्टलनससनकमटपस्म ९६३ करके भगवानके शरण होनेका और सोलहवें अध्यायमें प्रयुक्त छन्द ९६३ भगवद्धामका वर्णन .......८८ ८पु७-८७७ सन्रहवाँ अध्याय (विशेष बात ८६६ वैऱग्य-सम्बन्धी १-६ तीने प्रकारकी श्रद्धाका और आसुर निश्चयवाले मनुष्योका वर्णन ९६५-९७३ (मार्मिक बात ९६८ विशेष बात ९७३) ७-९० सात्तिक राजस और तामस आहारी विशेष बात ८६६ संसारसे सम्बन्ध- विच्छेदके कुछ सुगम उपाय ८६८ विशेष बात ८७२ ८७३) ७-११ जीवात्माका स्वरूप तथा उसे जानने- की रुधिका वर्णन . ८..८८८-.- ९७३-९८० वाले और म जाननेवालेका वर्णन ८७७५ ले और न जाननेवालेका वर्णन ८७७-८९३ (प्ंकरण-सम्बी विशेष बात पज्८ (विशेष बात॑ ८८० ८८७५ मार्मिक हा भोजनके लिये आवश्यक विचार ९७८) का दर -२२ यश्ञ तप और दानके तीन-तीन भेदों १२-१५ भगवानके प्रभावका वर्णन .... ८९४-९०३. भा कि (परमात्मप्राप्ति-सम्बन्धी विशेष बात... की वर्णन ........०- लि (सात्विकतताका तात्पर्य ९८१ सनकी प्रसन्नता प्राप्त करनेके उपाय ९८८ दान-सम्बन्धी विशेष बात ९९५ कर्मफल-सम्बन्धी विशेष बात ९९६) २३-२८ 35% तत्सत्‌ के प्रयोगकी व्याख्या ८९९ प्रकरण-सम्बन्धी विशेष बात ९०१ मार्मिक बात ९०२) १६-२० क्षर अक्षर और पुरुषोत्तमका वर्णन तथा अध्यायका उपसंहार (मार्मिक बात ९०६ विशेष बात ९०७)... ९०३-९१२ पंद्रहवें अध्यायके पद अक्षर और और असत्‌-कर्मका वर्णन ...... ९९८-१००२ उवाच ५५०५० ०००० ९१२ सत्रहवें अध्यायके पद अक्षर और पंद्रहवें अध्यायमें प्रयुक्त छन्द ९१२ उचाच न्ध्नन ए०-पपररररररररर ००३ सत्रहवें अध्यायमें प्रयुक्त छन्द ३००३ सोलहवाँ अध्याय अठारहवाँ अध्याय १०५ फलसदित दैवी और आसुरी सम्पत्ति १-१२ संन्यास-(त्याग-) के विपयमें मतान्तर का वर्णन .......८८ ८-०० .९६३-९३९ और कर्मयोगका वर्णन ........ १००५-१०३७ (मार्मिक बात ९३२ ९३४) (मार्मिक बात १०१९ कर्म-सम्बन्धी ६-८ सत्क्मोसि विमुख हुए आसुगी सम्पत्ति- विशेष बात १०२२)... वाले मनुष्योंकी मान्यताओंका कथन ९३९-९४५ . १३-४० सांख्ययोगका वर्णन ........... १०३७-१०७४ (विशेष बात द४३) .. .... (मार्पिक वात १०४७ विशेष बात ... ९-१६ आसुरी सम्पत्तिवाले .. मनुष्योंके _ १०५५ १०६३ १०६९ १०७०) दुधवारों और मनोरधोंका फलसहित उ-४८ कर्मयोगका भक्तिसहित वर्णन .. १०४६-१०९६ चेन सनम ....... रइ८-९७३ (विशेष बात १०७४ गोरकषा-सम्बस्धी श७-२० आसुरी सम्पत्तिवाले मनुष्योकि दुर्भाव विशेष बात १०७८ साभाविक कर्मोका और दुर्गतिका वर्णन .......... ९५३-९५८ तात्पर्य १०८१ जाति जन्मसे मानी




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