राजस्थानी - हिंदी शब्द कोश खंड 3 | Rajasthani Hindi Shabda Kosh

Book Image : राजस्थानी - हिंदी शब्द कोश खंड 3  - Rajasthani Hindi Shabda Kosh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about आचार्य बदरी प्रसाद साकरिया - Acharya Badri Prasad Sakaria

Add Infomation AboutAcharya Badri Prasad Sakaria

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बंडमन बड-मन--दे० वडमनो । चड-मनो--(वि० १० उदार । २. दानी । वे. गभीर 1 वबडम-वोल--दे० वड-बोल । वबड-मुख-ननण) १८ राजा। २८ सूर्य । (बि० १. दंभी । रे. शेखी मारने वाला । पे. बड़े मुह वाला 1 चड-मेचा--(नि०) ब्रह्मा । (वि० ) मेघावी । वड-मोल--(वि० बहु-मूल्य । वड-याग--दे० बड़ जाग । वड-राग-निा० सिंघु राग । चढ-राड़-(ना०) बड़ा युद्ध । वड-रिख--(न०) मर्हपि । वड-रीत--(नि०) श्र प्ठ परम्परा 1 चड-लीक--दे० वडरीत । वढ़लो--अ(न०) वड़ । वटवूक्ष । बड़ । वड-लोह-(न०) १. बड़ा प्रहार । र. शस्त्र । रे. तलवार। चड-वहू--(ना०) बड़े पुत्र की पत्नी । बड़ी बहु । बडवा -(नाण है. घोड़ी । म्रश्वी । २. वंशावली लिखने बाला । भाट ॥ चाड़व । चढडवाग--दे० वडवानठ् 1 वचडवार्नि--दे० घढवानछ । चड-वाट--तिण् १. वीर-गति । मोदा | २. बड़ा मामें । दे उदारता । वृड-वात्त--निण) १. यश । कीति । रे. गुण 1 ३. महत्व । वडवानठ--निा०) समुद्र की भग्नि । वदवार्नि । वड-वार--पे० बडवार । वडवाठ--(निण बढ़ की शाखा । बड़ की जटा । (१२९७) वहीरंशी बड-वीर--(वि०/ १. शुरवीर । वड़ा वहादुर । २. बड़ा भाई । चड-संख--वि० १. श्रीकृष्ण का पीच- जन्य शंख । २. ढपोर शख । डफोछ संख । वड़साछी--(न० १. समाधान का प्रयत्न । र. समाधान की बातचीत 1 विस्टाछों ( विष्टि से उत्पन्न विस्टाछो का व्यतिक्रम 1. विस्टाछो वस्टाछो 2? बसदाठो 2वदसाकों द्बडसाठों ) यथा--श्रंगद.. वड़साठों . नामक साँया भला रचित एक काव्य-ग्रंथ । वड-सासु--(ना०) १. ससुर की माता । २. सास की जिठानी । वड़-सुसरो--(न०) १. ससुर का पिता । र. ससुर का बड़ा भाई । वडहुड़ो--(बि०) श्रेष्ठ कुल का । ऊंचे कुर्त वाला । दे० बरहेड़ों । चड-हथ--(बिं०) १. प्राजानुवाहु । २. शूर- चीर 1 दे. बलवान । ४. दृढ़ । मजबूत 1 चडाई-उ(ना०) १. वढ़ृप्पन 1 बढ़ाई । २. प्रशंसा । हे. कीति । ४. शेखी 1 डॉग । ४. अभिमान । घमंड । गरय । चडाउडि--दे० वडा-वड़ी । वडाऊ-उदे० वढेरो 1 वडापणो-पुनि०]) १ बढ़ृप्पन । रे. श्रेष्ठता । बडार--(नि०) कन्या पक्ष की शोर से बायतियों को दिया जाने वाला एक विशेष भोज । वृहदाहार । बची भात । बढ़हार । बढ़ार । वडारण--(ना०) १८ सम्मानित दासी । २. रानी की दासी । हे. सबास 1 दासी । ४. गोली । छवासण १




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-12-08 12:43:12
    Rated : 8 out of 10 stars.
    THE CATEGORY OF THIS BOOK MAY BE REFERENCE BOOKS, EDUCATIONAL/OTHERS, LANGUAGE/RAJASTHANI. ONE MORE CATEGORY HEAD SHOULD BE OPENED IN NAME OF DICTIONARIES. UNDER THIS HEAD SUB HEADS SHOULD BE OPENED LIKE - HINDI, SANSKRIT, MARATHI, GUJRATHI AND OTHERS. THIS BOOK MAY ALSO BE PLACED UNDER DICTIONARIES/RAJASTHANI.
Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now