मारवाड़ रा परगना री विगत भाग 3 | Marvad Ra Pargana Ri Vigat Bhag 3

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Book Image : मारवाड़ रा परगना री विगत भाग 3  - Marvad Ra Pargana Ri Vigat Bhag 3

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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2 जी ६. द्री ११. १२. दे, श्र, श्भ्् हू दस टू टू दा ह ही क ठ टू हर दर दूण ० श्र, १२. दे. ह् ् के ६. ७, विगत के तीनों भागों की विस्तृत सूची -« दीवाण फ्तेखाजी कमालखांजी को स राज श्री रांमसिघजी को श -» पठाण दलेलखांजी को झ - दीवार फ्तेखांजी को थ - महाराजा श्री भ्रजीतरसिहजी को हि महाराज श्री अमेपिहजी को कर) महाराज श्री बखत सिहजी को १7 महाराज श्री विजयपिहजी को श पासवान व गुलाबराय जी को ः महाराजा सानसिहजी जालोर पधघारिया ः के नर (ग) परणने भीनमाठ रो हाल « भीनमाल की स्थापना « भीनमाल का प्राचीन इतिहास कुवर गजसिह का भीनमाल पर कब्जा . महाराजा झ्रजीतरसिह की भीनमाल पर चढाई फतेहखाँ की राठौडो से मुठभेड़ डर « 'राठौड भगवानदास जोगीदासोत के पट भीनमाल संवत १८१० में भंडारी पोमसीजी के पट. ,; (घ) परगने नागोर रौ हाल नागोर गढ की स्थापना चहुवानों का नागोर पर राज्य खांनजादों को नौगोर का पट्टा समसुखां को नागोर की जागीर मिलना राव चुडा का नागोर पर अधिकार राव मालदे कि, का. - हुमायू तथा अकबर के सुवेदारो का श्रघधिकार बीकानेर के राजा रायर्सिह को अकजर की शभ्रोर से नागोर दी गई « रारा सगर को जहागीर की झ्ोर से मिली « पठान जावदी को नागोर मिली राठौड़ अमरसिह को दी गई महाराजा जसवतसिह तथा रायरसिंह के बट मे महाराजा श्रजीतर्सिह को मिली « संवाई जयसिद्ट को मिली महाराजा अभयसिहजी को मिली बखतसिहजी को मिली नागोर के श्रास पास के अन्य इलाके [ ६] २५ २४ ४४ ५ है. ४१४ १६ १६ रद रद ४१७ ४१७ ४१८ ँश£ २० ४२० २० ४२ श्र २१ ४२१ '४र१ अर अर. रह डरर अर ४रेरे ४२२ हरे '४रर ' अर२ २९ रे रे




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