हिंदी शःब्दार्थ - पारिजात | Hindi Shabdarth Parijat
श्रेणी : भाषा / Language, हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
270.94 MB
कुल पष्ठ :
733
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कक
घ्ाजन तत्० (पुन ) सुरमा, काजल,
का दूव्य, झष्जना, शोभना, काजल लगाना,
विशेष । ध्पजना या घ्यजनी तत्+ ( खी०
दिग्गज की. हर
गभ से महावीर हनुमान ही उत्पत्ति हुई थी ।
:-द्वि तत० (पुन) पते विशेष, ।-- (निस्द्न
लत (पुन) इचुमान जी । [का जोड़
घजर-पञश्चर दे» (स्थ्री०) देव शरीर
श्रज्नलि, झजली तत्० (स्त्री८) हाथ जोएं, हाथ का
सम्पुट, झंजुरि, दोनों हाथों का ऐसा जाइना जिससे
बीस से अवराश रदे । परिमाण चिशेष [न कम
सुशी कला, प्रयास, नमस्कार, जिनय करना 1
वन्घन (नत्०) हाथ जाइना, करसम्पुट नमस्कार,
नखता प्रदेशित करने की सुद्गा ।
भ्जसा तल ( धन) शौघ्रता, शीघ्रता से, बेगी ।
श् कह मनु
न्यू कं मी रु
घ्जही ० (स्त्री०) भ्रन्न की मण्डी |
वाली ।
घ्ड्ुरी दे० (सुत्री० ) धंजलि |. [ विशेष, प्रियालु ।
घ्च्जीर तदू० (पृ ) भ्रखार नामक बूक्ष का फट
ध्यजोर दे« (पु) उजेंला, प्रकाश, रोशनी, चाँदनी |
ध्ब्म्का तदू (५०. अनध्याय, छुट्टी, अवकाश ।
ध्यटक तदु० (स्त्री ) रोक, वारण, रुकावट डालना,
'्रटक ना । भारतवंष की पश्चिम'सर सीमा प्रान्त
के पूक नगर का साम सिन्घु नदी का दूसरा नाम
। घेर तदु+ (गुन्) एक ग्राम का नाम 1--नस दे (पुर)
उसका शटक नाम पढ़ा, क्योंकि बहाँ जाकर कोग
व देन (स्त्री- ) अनुमान,
है। कहते हैं
कि सिन्घु नदी के प्रबल यंग के कारण
विचार ।-- 1ना दे ( क्रि० ) रोकना, छेकना
बारण करना, क्रिसी काय में विन्न ड्ाएना ।
व दे (पु) सुषावट, प्रसिबस्ध ।
बिना प्रमाण, बिना ठोर ठिकाने, निश्चित |
घटकर या ध्टकल दे० (स्थ्री० ) अन्दाज़ा |
घ्टका तदू० ।ए०) मिट्टी का पात्र विशेष, शी जगन्नाथ
जी का प्रसाद | [ प्रतिबंध :
बनी, वानरी विशेष, हनुमान .
की माता का नाम, अजनी नाघ्नी वानरी के .
हर
# सें कमाने न
घान्य
भ्मटरस्वेत्त तदू ०
चंचल । नी एँस्री-) चलता,
डिठाई, चंचक्षत्व ।
घ्यटठ तदू० (यु०) मोटा, पोढ़ा, दृद । | यात्रा |
बटन तत्० (पुष) फिरना, चजना, घूसना, आम,
घना तदू० (क्रि०) समाना, सर ज्ञाना, घूमना,
फिरना ।
घ्रठपट तदु० (पुल) अनियसित टेढ़ा, बाँका, दर 1
नये (स्त्रो०) तिरछी, एड़ी टेढ़ी, बेंढंगी, कठिन ।
घ्यटव्बर दे० (पु०) श्राउस्वर, खानदान, परिवार !
घाटम तदु« (प्ू०) राशि, ढेर, बटारा ।
घ्टत्त तू (गुन्$ दृढ़, पोढ़ा, झचत्, नहीं टलने
बाला 1 गुलाइयों के एक अखाड़े का नास ।
ध्टवी तत्० (स्री० ) बन, जंगल्नल, गहन, कानल,
भयानक जंगल, हिंख जम्तुद्ों का वास स्थान |
(यु०्) बहुत खेनरने वाला, खिलाड़ी
' झठा तदु० (स्त्री ) कोठा, ऊपर की कॉठरी, सब से
( वि० ) नाज न
।
घ्ठकाव तदू ( पु० .) विज्न, वाघा, रोक रुकावट,
| धटीत तदु० (पुर) 'अधिकन,
त्पच्यू |
ऊपर का कमरा ।
ध्दाटूट दे० (बिन) नितान्त, बिलकुल |
ध्यठारो (स्त्री ) देखो शा |
घ्ाठात्त दे० (पुन) खुज़, घरहरा । [ असबाव ।
घ्यठातता तदू० (पुन) खटतला, दर, सामग्री, सामान,
घटिया तदू (ख्री ) छोटी मड़या, सोपड़ी, छोटा
मकान, पणकुटी 1
घटूढ तदु० (गु०) बहुत पोढ़ा, नहीं टूटने वाला,
नहीं घटने वाला, सम्पूर्ण, पूरा, कुल 1
| झडेक तदु० (गु*) टेक नहीं, सिराश्य, पहेश्यनहीस,
अष्ट प्रतिक्ष ।
फेटी, चरखी ।--नी दें (क्रिप्ते फटा बसानों,
रोलाकार बनाना, सोहना [ बनाना
घ्रेरना (क्रि०) सोइना, श्टेरन से सूत की फेटी
सभ्य, अनाएी,
' जंगली, बर्वर |
घट्टहास तत् (पुर) बहुत हँसना, खिलखिटा कर
हसना कुहकुहा सारना ।
घटा त्िको तत्० (ख्रीन) श्ट्टाट, 'प्रटारी, राजसूह,
प्रसाद, घबरागार, बड़ा मकान, हम्य |
घ्यट्ठा (पु०्) तास का एक पत्ता | न
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rakesh jain
at 2020-12-04 13:35:55