एक शीर्षस्थ वित्तीय संस्थान के रूप में | Ek Sheershashtha Vittiya Sansthan Ke Roop Me
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14.95 MB
कुल पष्ठ :
188
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)औधोमिक़ संस्थाओं द्वारा पूँजी बाजार में अधवा बैंकों से लिये जाने वाले ऋणों तथा सियाँत के अत्थणित भुगतानों की गाएंटी देने का अधिकार इस बैंक को प्राप्त है अर्थात् ऋणों और विनियोगों के शिवाय आधो गिक विकास बैंक की उधोगों को दी जाने वाली पृत्ौ्य्टा सहायता ऋण व अस्थगित्त श्रगतानों के लिए गारंटी के रूप में होती है | बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा अभिगोपन से उत्पन्न दा यित्वों के लिश् भी विकास बैंक गारंटी दे सकता है । इसका प्रभाव यह होगा कि भारत में संघीय अभिगोपन तथा संपुक्त अभिगोपन के लिए अनुकूल वातावरण उत्पन्न हो सकेगा जी भारतीय पूँजी बाजार की बढ़ोत्तरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायषेगा | अनुसूचित वाणिज्य बैंकों राज्य सहकारी बैंकों और राज्य वित्तीय निग्मों द्वारा ऋण गारंटी योजना के अन्तर्गत आने वाले लघु उधोग यूनिटों और राज्य वित्तीय निग्मों की तकनीकी सहायता योजनाओं के अन्तर्गत आने वाले तकनीशनों को दिये जाने वाले भियादी श्रणों पर पुनर्वित्त प्रदान किया जाता है 1 ऋण गारंटी योजना के अन्तर्गत आने वाले लघु उधीग यूनिटों के सन्दर्भ में पुनर्वित्त अणों की न्यूनतम राशि 10 000 रूपये है सड़क परिवहन चालकों और बंजरों के लिए यह राशि कुस्ा 20 000 और 25 000 रूपये थी किन्तु इन राशियाँ के लिए गारंटी रक्षा नहीं सि सकती | राज्य वित्तीय निगमों द्वारा लघु उद्योग युनिटों/छोठे सड़क परिवहन चालकों को दिये जाने वाले दी लाख रूपये तक के श्रणों के सम्बन्ध में पुनर्वित्त मंतर करने की 7. भारत्तीय आधी गिक चिकास बैंक की वार्षिक रिपोर्ट 1985-86 पृष्ठठ संख्या 112 अण्डर पब्लिपिटी रंगीन शवं आवरण मुट्रगण टाटा प्रेस बम्बईं । 8. सुट्रा रवं वित्त की रिपोर्ट 1972-75 पृष्ठठ संख्या 157 श्री यु०श्स0 नवानी पुकाशन निदेशक द्वारा पुकाशित ।
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