मोतियों का खजाना | Motiyon Ka Khajana
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
828
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न 'आाठयां दिस्णा ६: २७
कीणट० 1 तें। शादी से इन्कार कर दी जिये ॥ )
*८ छालबर्ट०.में/भारी तरददुद में पड़े गया हूं, 'बहुत
सोचने पर भी यह नही निश्चय कर सकता कि इस समय
कृग्रा।करणा उचित- है कांउणट [क्या शाप सुझे मदद
नही देंगे! कया शाप सुके सुनासिव सलाह नही देगे:!
मैं ते सेप्रकता-हू/कि पनी मां के दुःखो करने की
घनिरुंबत झपने;पिंता के निराश करने की जे।खिस
उठाना सुफे पसन्द होगाह॥ 7 ४४ 77०७,
५ कौण्ट ने इस नाजवान की झ्ाखिरी-बारत झुन कर
झप्रना चेहरा घुसा लिया। इसमें के ई सनन््देह नही कि
इस बात ने उस पर के ई गहरा शसर,|किया था । लिसकी
निगाह डित्नेकी तरफ गई,.जे।' कंमरे के दूसरे, सिरे पर
शक पेन्सिंल और कांगज हाथ में लिये बैठा हुआ था]
फीणट ने यह देख कहा, ““क्या साहब | शाप क्या कर
रहे,हैं.[ कया इस तस्वीर की नकल उतार'रहे हैं (१? 7
॥ » 'डिब्रे०। नही नही:मैं तस्वीर नहीं बना रहा.बल्फकि
हिसाब जेड़ रहा हूँ॥ 7 17 या ण०। / हा
७४ क्लौयट०1 हिसाव [| , | ४ ४४
+. डिब्रे०) जी हा।हिसाब ही | (झलर्थट से) यह तुम्हारे
भी कुछ, मतलब की.बातः है-मैं जेड रहा।हूं कि शाज-
कहा में हेटी # के सरकारी क्रॉगज को दर में जे।' चढ़ा
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सरद हिन्दुस्तान की सरकार प्रामेसरी नोट निकाल कर 'कर्न लतो है उसी तरई?
और झोर सरकारें भो कर्ज क्षिया करती हैं छोर यन्हों कागेशों को सरकारों
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