श्री दामचरितम | Shri Damachritam

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Shri Damachritam  by बाबूलाल शुक्ल - Babulal Shuklaमण्डन मिश्र - Mandana Mishra

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मण्डन मिश्र - Mandana Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भशीदकथतल सस्कृत नाट्य-साहित्य की विशाल मणिमाला में एक और अपूर्व तया अब- तक अप्रकाशित “श्रीदामचरितम्‌” नामक नाठकमणि का सयोजन इस नाटक के प्रकाशन से हो रहा है, यह सभी साहित्यानुरागियों के लिये आनन्द का विपय है। प्रस्तुत नाटक के उद्धार का श्येय है-- मध्यप्रदेश के सस्क्ृत-साहित्यसेवी एव अनेक दुर्लभ-ग्रन्थो के उद्धार तथा सुसम्पादन में तत्लीन विद्वद्ये प्रा० श्री बावूलालजी शक्ल, शास्त्री, एम० ए०, साहित्याचायें को जिन्होने अतीव परिश्रम-पूर्वक उज्जैन तथा पूना के प्रा७च्यग्रन्यसग्रहालयो से पाण्डुलिपिया श्राप्त करके उक्त नाठक का समुचित सम्पादन किया हूँ । सस्क्रत-साहित्याकाश के देदीप्यमान नक्षत्र-स्वरूप महान्‌ कवि, सफल नाटक- कार एव भगवतीत्रिपुरसुन्दरी के परम उपासक श्रीसामराज दीक्षित की यह कृति अपने विषय की विशिष्टता, नाट्यूणास्त्रीय लक्षणी के पूर्ण निर्वाह, अपूर्व कत्पना- सीप्ठव, विशिष्ट एवं विचित्र घटनाक्रम, विविव भाषा-प्रयोग, अलकृत गद्य-पद्य -विन्यास तथा छन्दर -प्रयोग- प्रावीण्प आदि के कारण नाटक-साहित्य में अपनी स्वतन्त्र सत्ता स्थिर करती है | इसी दृष्टि से साम्प्रतिक समीक्षा-सरणि का साह- जिक निर्वाह भी समुचित समझ कर हम कतिपय तथ्यो का परिशीलन प्रस्तुत कर रहे है, विश्वास हैं, पाठकगण इसमे ग्रन्थकार एवं ग्रन्य की गरिमा का कछ आभास पा सकेंगे । [7 प्रस्तुत नाटक के रचयिता “श्रीसामराज दीक्षित' घगठा पा 4 आड्यिश 7. +




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