कथाकोष प्रकरण | Kathakosh Prakaran

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Kathakosh Prakaran by आचार्य जिनविजय मुनि - Achary Jinvijay Muni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झछकचक्तानिवासी सापुघरित-मष्िषये श्रीमद्‌ डालचन्दुजी सिंघी पृष्प्ल्मतिनिभि प्रतिष्टापित पर्व प्रकाशित सिंघी जेन ग्रन्थमाला [ खैब श्ागमिक दार्मलिक साहिहिक पेशिहासिक, वेशााक्कि, कथात्मक - हह्मादे विविधविपत्रगुम्दित) प्राकृत, संस्कृत श्रपम्रप्त प्राचौगशूर्जर राजश्थादी जाति सावासापानियद्ध; सावेजनीन पुरातन बाझाद तथा लूतन संज्ञोधताप्मक साशिस्स प्रकाप्रिती सर्वप्रेष् अत प्रश्पांचक्ति ] प्रशिद्मता झीमत्‌ डाउयस्वजी-सिंपीसत्पु् ख« दानशील -साहित्यरसिक - सस्ऋृतिप्रिय श्री मदू बहादुर सिंहजी सिंघी प्रघाम सम्पादक तथा संघारूक आचाये जिन विजय मुनि ( सम्मास्प मियाम - सारतीय विद्यामबन यबई ) सेप्रकार संरक्षक श्री राजेन्द्र सिंह्र सिंघी ठषा श्री नरेन्द्र सिंह सिंघी मरद्यशनर्ष्टा सिंघी जैनशासख्र शिक्षापीठ भारतीय विद्याभवन बबई प्रकाशक-जयन्तरप्य इ बबे भॉमरसी रजिस्पार मारतीस विद्या मगन पारी रोड बंबद ७ मुश*-फमद फैस्‌ प्लेश्प॑ निर्शपसापर प्रेत १६-१८ कोड्माठ स्ट्रीय ध्यंूबादेदौ बंबर ९.




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