विक्रमांकदेव चरित्र | Vikramankadev Charita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
495
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बशुद्धम्
मजजूरघ्वति
आब्दशन्यत्वस्य
चमचक्षुपा
सद्चूठेप्यापत्ता
कब्धतोरतर
तुष्यतिस्भ
वस्तुओं का
'समेजनानन्तर
गलदअजलश्चिर
चुरोध्ते
चोलसूना
जूपयाऋहवमल्लदेवस्य
'गिरिपक्षे3असंख्याका
समुद्र कोरण
अदन के समान
मधिता ये
अधिता
ह्मा
असपक्ि
सदबल
अयस्पात्तत
अआतृयद
प्रभोदमद्रहिष्यत्तीति
जिविगत
बीरो के
प्रकट करन
दततसमाकममाणास्या
फरवचश्चवार
कपाछगुवितप्रध्ये
आतनात्
(३)
शुद्धम्
मज्भलघ्यनि
झब्दशून्यत्वस्य
चर्मचक्षुया
सद्डुटेध््यापत्ता
छब्घृतीरतह
तुष्पति सम
बस्तुओं को
सम्मेलनानन्तर
गलदशुजलश्चिर
पुरोष्ये
चोलसूतो
नृपस्याफहवमल्लदेवश्य
गिसिपक्षे अस्याका
समुद्ररूपी रण को
चलने के समान
मधिता ये
अंथिता
हुआ
प्रासपक्ति
तदुबल
यस्माच्तत्
आतृयुद्ध
प्रमोदमुद्नहिष्यल्तीति
तिदिबगत
बीरो के
प्रकट करने
दुततरमाक्रममाणाभ्या
कवच्षरचचार
क्पालजुक्तिमध्ये
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