खिलती केसर महकता उपवन | Khilati Kesar Mahakata Uapavan

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Book Image : खिलती केसर महकता उपवन  - Khilati Kesar Mahakata Uapavan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(2)-खिलती केसर महकता उपवन: वीर जिनेश्वर सोई दुनियां जगाई वूने (तर्ज : कृष्णा दे द्वारे उत्ते.....) वीर जिनेश्वर सोई दुनियां जगाई तूने। ज्ञान की मधुर सुरीली, वंशी बजाई तूने ॥टेर॥ भारत की नैया डोली, मृत्यु आ सिर पर बोली। स्वर्ग से आकर भगवन्‌, पार लगाई तूने ॥१॥ पशुओं पर छुरियां चजञती, रक्त की नदियां बहती। करुणा के सागर करूणा-गंगा बहाई तूने ॥२॥ देवों की करना पूजा, बस काम था और न दूजा। मानव की अटल प्रतिष्ठा, जग में जताई तूने ॥३॥ पन्थों का झूठा झगड़ा, जनता का मानस बिगड़ा। भेद सहिष्णुता की, रक्खी सच्चाई तूने ॥४॥ पापों का पंक धोना, नर से नारायण होना। ५ अमर अमर पद की राह दिखाई तूने ॥५॥ रद




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