संस्कृत नाटको का जीव जगत | Sanskrit Natako Ka Jeev Jagat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
229
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१४ |] संस्कृत नाटकों का जीव-जगत
७. विष्किर--पैरों से कुरेद कर भोजन की खोज करने वाले जस्तु ।
८. प्रतुद--चोंच से कुरेद कर भोजन की खोज करने वाले जन्तु ।
सुश्रुत ने जन्तुओं का विभाजन दो मुख्य वर्गों में किया है--अनूप और
जाड्भल । इनमें अनुपष ५ और जाल आठ प्रकार के होते हैं। इस प्रकार कुल १३
भेद हैं, जो निम्न हैं-- ह
(क) अनूप जन्तु--
१. कुलेचर--नदियों और जलाशयों के तटों पर विचरण करने वाले चोपाये।
जैसे--हाथी, गैंडा, गवय, मृग आदि ।
२. प्लव--उभयचर जन्तु । जैसे--हंस, बगुला आदि ।
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