ब्रिटेन में चार सप्ताह | Britain Mein Chaar Saptah

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Britain Mein Chaar Saptah by अक्षयकुमार जैन -Akshay Kumar Jain

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अक्षयकुमार जैन -Akshay Kumar Jain

Add Infomation AboutAkshay Kumar Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्र पांच हजार साल पुरानों चले डेवीसोनिया और अझसीरिया बी पुरातन सामग्री ईसा से तीस हजार दर्ष से भी पुरानी वहाँ मिल जाती है। श्लीसलका की श्वीं सौर १०वीं णताम्दी की कुछ कांस्य मूर्तियाँ बड़ी प्राकर्षक हैं । पत्थर युग के कक्ष में जाकर तो झामद उन विभारकीं को सो प्राघुनिग सम्मता की सभी स्थापनाप्रों छे सहमत महीं यह सोचने को माध्य होता पड़ता है कि उक्त काल विभाजन में कुछ सच्चाई प्रवस्म है। पाइुलिपियों के कक्ष में १२२५ ई० में लिखे मेगनाकार्टा की एक मूस प्रति मी देशमे को मिल जाती है। यह राजा जान द्वारा लिसी तीन प्रतिरयों में से एक है । महाकवि प्रेस पियर द्वारा सिखा गया एक विक्रीनामा भी है, जो उनकी प्राषिक स्थिति का परिचरायक है। विसियम दोगसपीयर मे सगदस्ती की हासत में प्रपना एक मकान केवस साठ पौड में गिरवो रखा था। उनके हस्ताक्षरों का बह दस्तावेज भी बहाँ सुरक्षित है। जाजे बर्नाड शा मे प्रनेक पत्र भी वहाँ हैं जिमके प्राधार पर भव तक उस महान साहित्यकार के सम्भम्ध में प्रनेग पुस्तक लिखी जा चुकी हैं | संग्रहालय में सीन घट ब्यतीत करके मी मैं यह कहने की स्थिति में नहीं हूँ कि मैंसे बहौँ बी समी भीजें देख लीं । घिशप्तर कासल एक दिन ईटन शिक्षा संस्था देखने के वाद हमें बिडसर




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now