आचार्य श्री तुलसी अभिनन्दन ग्रन्थ | Acharya Shri Tulsi Abhinandana Granth

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Acharya Shri Tulsi Abhinandana Granth by अक्षयकुमार जैन -Akshay Kumar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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त्चुक्रम प्रथम _अध्याय : श्रद्धा, संस्मरण, कृतित्व सन्देद शुभ कामना सन्देश संयम और सेवा का संगम भ्रणुब्रत की कल्पना श्ाचार्यश्री की सेवा में नेतिकता के पुजारी मानव जाति के झरग्रदूत सौभाग्य की चात अरणुब्रत और एकता एक भ्रच्छा तरीका जनहितरता जीवतु चिरम्‌ युगपुरुष ! तुम्हारा झभिनन्दन गति ससीम सर मति असीम संकल्प की सम्पत्नता पर जीवन्त और प्राणवन्त व्यक्तित्व ्राचायेंश्री तुलसी झाचायेश्नी तुलसी का जीवन-दर्दन आचार्येक्री तुलसी भर ग्रणुसरत-श्रान्दोलन एक अमिट स्मृति भौतिक श्रौर नैतिक संयोजन भारतीय संस्कृति के संरक्षक तेजोमय पारदर्शी व्यक्तित्व सम्भवामि युगे युगे ऑआचार्यश्री तुलसी के अनुभव चित्र जागृत भारत का अभिनन्दन ! मेक्सिको की श्रद्धांजलि एक झाध्याह्मिक अनुभव मानव जाति के पथ-दर्यक मानवत्ता का कल्याण राष्ट्रपति डा ० राजेन्द्रप्रसाद उपराष्ट्रपति डा० सर्वेपल्लि राधाकृष्णन प्रधानमंत्री पं० जवाहरलाल नेहरू आचार्य विनोवा भावे राजर्षि श्री पुरुपोत्तमदास टण्डन राप्ट्रकवि श्री मैथिलीदरण गुप्त श्री लालवहादुर शास्त्री त्यायमुर्ति श्री भुवनेशव रप्रसाद सिन्हा जननेता श्री जयप्रकाश्न नारायण श्री उ० न० ढेबर राष्ट्रसंत श्री तुकड़ोजी मुनिश्नी नथमलजी मुनिश्री बुद्धमल्लजी मुनिश्री नगराजजी मुनिश्री महेन्द्रकुमारजी “प्रथम शी जैने्द्रकुमार डा० सम्पूर्णानन्द श्री चुडलैण्ड वहेलर सेठ गोविन्ददास श्री शिवाजी नरहरि भावे श्री श्रीमन्नारायण डा० मोतीलाल दास श्री केदारनाथ चटर्जी श्री को ० अ० सुब्रह्मण्य अ्य्यर मुरनिश्री नयमलजी श्री नरेन्द्र दार्मा डा० फिलिप पार्डिनास श्री वारन फ्रेरी फोन व्लोमवर्ग श्री देलमुथ डीटमर डवल्यु० फोन पोखाम्मेर डी. 6. .ाा दा पद न /र. डी




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