श्री रामनायक कल्याण | Shree Ramanayank Kalyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.55 MB
कुल पष्ठ :
634
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)० पूर्णमदद पूर्णामिद पूर्णात्पूमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय . पूर्णमेकावदि्यते 6
। मायातीत ,माधवमार्थ जगदादिं, मानातीतं मोहविना्ं सुनिवन्धसू ।
योगिध्येये योगविधान॑ परिपूर्ण, वन्दें राम रज्ितलोक॑ रमणीयमू ॥
का पे श्रावण १९८७ जुलाई १९३० |
संख्या ९
पूर्ण संख्या ९,
जीवनका फल
सिय-राम-सरूप अगाध अनूप. क्लिचव-मीवनकों जल है |
शथुति रामकथा, मुख रामकों नाम, हिये पुनि रामाहिकों थल है ॥
मानि रामाहिं सों, गति रासहिं सं, राति रामलों. रामाहिंको बल है ।
सबकी न कहीं. तुठर्साकि मते इतनों जग-जविनकों फल है ॥
नागोसाएँगी मदार[ज
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