चर्चासागर | Charcha Sagar

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Charcha Sagar by चम्पालाल जी - Champalal Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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3८ 20% ६1९2 2/3::7182£ 0/2/827219 7082:14/2%/ 42 है ञ भै 29%: ३८:21 7४! 2४8८ : ट82 चचो संखूया २१७ २१५ २१६ २२१७ २१८ चर्चा सोलद कारण भावनाए' पूर्वेक केवलक्षान होजाता हैं भौर पह तीर्थंकर कहलाता है उलका नाम पाइले तीथेकर रक्ष लिया जाता है इस प्रकार ' तोर्थंकरकी परंपरा बराधर बनी रहतो दे इसका लसम्ताचान छ१६ भगवान तोथै कर के जन्माभिषेकरके समय इन्द्रकी खसथारोके आगे ओ सात प्रकारकों सेना गुणानुवाद करती चलती दे वद्द किसके गुण गातो है। ४१७ ये देव किख किस स्वरसे गुणानुराद करत हैं. ४१८ सातों हो नरकोंमें कोई मद्रापापी जोष मलग अलग नरकोंपें उत्हटताऊकर कितनी कितनी बार जन्म घारण करता हैं । ४१८ नरकसे निकलकर रिन किन गतियोमें जन्म लेता है । ७४१६ सातों नरकोंके चौधसीलालख बिले कमी खाली रहते है या नहीं या उनमें नारकी सदा उत्पन्न होते रहते हैं । ४१६ खर्गमें देवोंके उत्पन्न होनेमें कितना अन्तर रद्दता है ४२० मरक और स्वर्गोंमें कौन कौनसे सालकी प्रवृत्ति रहती है ४२१ पृष्ठ सख्या चचा संख्यां यचों पृष्ठ संख्या २१६ स्वर्ग के विमान भाकाशमें किसके भाघार पर स्थिर हैं ३२५२ यह लोक किसके भाधार पर है 8४२२ २२७ र्रर्‌ २२२ २२३ २२४ पंजमकालके मन्तमें ओ पक मुनि एक अजिका एक श्रावक एक श्रत्रिका रहेगी तो उनका क्या नाम होगा | ७२३ इनका मरण किस महीनेको किस तिथिमें होगा ४२३ असु रकुमारोंके इन्द्र चमरेंद्र ओर धेरोचन सोधमे न्द्र्‌ ओर ईशानेन्द्रते युद्ध करने गये थे तब उन्होंने वश्धप्रहार किया था और फिर वे दोनों भागकर पातालमें छिपे थे लो क्या यह कद्दावत सत्य है. ७२७ यह फद्दावत दिगम्बर आम्तायमें प्रलिद क्‍यों है ७२७ भषनवाली ब्यंतर ज्योतिषी देव किस तपसे द्वोते हैं ७२७ चतुणिकाय देवरोंमें मद्दा ऋद्धियों को धारण करने - वाले इन्द्रादिक देव अपनो आयु पूरीकर किस गतिको प्राप्त द्वोते हैं। इस मध्यलोकमें जंबूदोपसे लेकर खय॑भूरमण समुद्रतक कालयक्रका वर्ताव किसप्रकार है अर्थात्‌ झछुखमासुलमा भादि छद्दों कालोमेंसे कौन कौन काल बहां वतेता है । ७२६ 3२५ 223: 7292 % 82:13 :232:28221%2 ॥६५ कक 2-43 08% 03.1 2.1 09.24: १५




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