आधुनिक राजस्थानी का एक संरचनात्मक व्याकरण | Adhunik Rajasthani ka Ek Sanrachnatmak Vyakaran
श्रेणी : भारत / India, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.96 MB
कुल पष्ठ :
231
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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वोघक क- संयोजित वाक्य, निंदशित प्रइ्नोत्तर स्थिति में
की की अचस्थिति, संयोजक के की अनवस्थिति, विभा-
जव' समुच्चय वोधक निपात कं, विभाजक समुच्चय वोघक
सज्ञा पदवन्ध, विभाजक समुच्चय दोधक संयोजित वाक्य,
की की अव्यक्ती भवह्यित्ति, चाहैं विकल्पात्मक सयुक्त चाकय,
सयोजव निपात अर्तन-मैं, अर-र, अर की यव-
स्थिति, अर की विभाजक सयोजकवतू अवस्थिति,
निषेध वाचक वाद्य, सामान्य निपेधार्थक निषात, अय-
धारक निपेघा्थक निपात, आशार्थेक तथा उद्वोधक
निषेषाथंब' निपात, अभिव्पजक निपेघाथंक चिपात,
सुलनावाचक उभयपक्ष निपेघवाचर वाक्य, विकल्पात्मक
मिषेधवाचक घावय, दिकल्पात्मक सका रात्सक-निपे घारमक
वाक्य, नी वी आवृत्ति तथा उसके साथ अन्य तत्तवो की
अवस्थिति,. जंद तदे हेतुमदु चाकय,. जददे-तों कालवांचक
वावय, जद संयोजित कालवाचक चावंय, तद संयोजित
बावय, . जर्ण संयोजित वाक्य, . प्रतीतिवाचक वाक्य
प्रतीयमान रूप अभिव्यक्ति वावय, भासमान रूप अभिव्यक्ति
वाषय, स्वभाव प्रवण रूप अभिव्यक्ति वावय, फथने-
टिप्पणी जकी समौर्जित वाक्य, दिविध सम्बन्ध जकी सयो-
नित बाकय, वेशिप्व्य सक्षण-परिभाषा जैकी ई सयोजित
वाबय, नामिकीकृत जकौ उपवाक्य की अवस्थिति, इतर
जकौ सयोज्हि वाक्य, जिग सयोजित वाक्य, रीति-
निर्धारन' ज्यूनत्यू वाक्य, ज्यू ज्यूं संयोजित वाक्य, उयू-
त्यूं सपोजित वाक्य, ण्पूं- उण भाते इत्यादि संयोजित
वाक्य, ज्यू ज्यू- त्यू स्यू संयोजित वाइय, ज्यू ज्यू
सयोजित वाक्य, ज्यू ई सयोजित वाक्य, ज्यू ई- तौ,
के सयोजित बाक्य, समानता निर्देक ज्यू मयोजित वाक्य,
उंपू वी परपर्गवतु अवस्थिति, उयू की इतर अवस्वितिया
सम्वन्धवाचक परिसाणवाचक सयोजिल वाक्य, जित्तौ
उपवाक्य के नामिकोकत रूप वो अवस्थिति, जित्तें सयो-
जित वावय, . जितरे तौ, जितते ई सपों जिद वावय, इत्ती
उत्ती सयोजित वाक्य, जैडौ-चैंडी “ऊडी सग्रोजित वावयं,
जैडौ उपवात्रय के नामिकौडृत रूप की अदस्थिति, श्रंडी-
इगर तत्व संयोजित वाक्य, जैडौ उपवाक्यो की अन्य
हद
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