देवानन्दमहाकाव्य | Devanand Mahakavya

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Book Image : देवानन्दमहाकाव्य  - Devanand Mahakavya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हिल जेन ग्रन्थमाठा जैन आगर्मिक, दाशनिकं, साहिलिक, ऐतिहासिक, कथाव्मक - इत्यादि विधिंधविपंयंमुम्फित प्राकृत, संस्कृत, अपभंश, भ्राचीनगूजेर, राजस्थानी आदि भापानिवद्ध बहु उपयुक्त परातनवादआ्यय तथा नवीन संशोधनात्मक साहिल्यप्रकाशिनी जैन अन्थावलि । कलकतातिवासी खर्गख श्रीमद्‌ डाल्चन्दजी सिंधी की एप्यस्थवतिनिमिच तल्पुत्र श्रीमान्‌ बहादुरलिंहजी 'सिंघी “कब्ैक संखापित तथा प्रकाशित | सम्पादक तथा सब्नालक ! ।॒ / | जिनवबिणय यानि ( सम्मज्य समासद-भाण्डरकर प्रार्ब्यविद्य संशोषन मन्दिर पुना, तथा गुजरात सेहिलसमा अहमद; सुतपुरदत्दु- गुजरात पुरएत्त्तमन्द्रि अहमंदजाद, जेन वद्सयष्यापुक्त विश्वमारती, शान्तिनिकेतन संरुकत, प्रांत, पारी, प्राचीनगूर्जर आएदे अनेकानेक अथ क्शोधक-सम्पादक । ! यन्‍्थांक 0. !: प्राप्रिस्थान व्यवस्थापक -सधा जन ग्रन्थमाला अनेकान्त विहार ' > सँंघीसदन ६, शान्तिनगठ पोष्ठसावरमती | 1 ४८, गरियाहाट्रोड; पो० वालीगज अहमदाबाद कलकत्ता: स्थापनावद ] “सर्वाधिकार संरक्षित [वि० सं० ३९५८६:




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