वे उसे नहीं रोक सके | Ve Use Nahin Rok Sake
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
190
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रथम दृश्य
(रात के ९ बजे शहनाई का २,३ मिनट तक बजना ओर फिर
उस मधघुर शहनाई के बाद ही कुछ बच्चों की आवाज नई भाभी
आई', 'नई भाभी आई ।”)
पहिला वच्चा : दिनेश तूते नई भाभी को देखा ? बिलकुल
अच्छी है, अच्छी-अच्छों बातें करती है।
दूसरा बच्चा : योगेश और तूने देखा ? दिखने में कितनी
अच्छी है । लम्बी नाक, बड़ी-वड़ी आंखें व गोरा
गोरा रंग ।
तोसरा बच्चा : बिल्कूल मीनाकुमारी जैसी है ।
पहला बच्चा : चल हुठ मीनाकुमारी से भी अच्छी है, क्यों
है न दिनेश ?
दूसरा वच्चा : हाँ-हाँ, इस साले मिद्दू को क्या मालूम ।
(गोविन्द के आने की पद-चाप )
गोविन्द : अरे दिनेश, योगेश, मिठ॒दू तुम अभी तक सोये
महीं । यह देखो मैं तुम्हारे लिये क्या छाया हूं ।
सब बच्चे : मिठाई ।
गोविन्द : जाबमो, अभी भाग जाओ मभौर मिठाई खाओ,
समझे ।
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