वे उसे नहीं रोक सके | Ve Use Nahin Rok Sake

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Ve Use Nahin Rok Sake by रामनारायण व्यास - Ramanarayan Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम दृश्य (रात के ९ बजे शहनाई का २,३ मिनट तक बजना ओर फिर उस मधघुर शहनाई के बाद ही कुछ बच्चों की आवाज नई भाभी आई', 'नई भाभी आई ।”) पहिला वच्चा : दिनेश तूते नई भाभी को देखा ? बिलकुल अच्छी है, अच्छी-अच्छों बातें करती है। दूसरा बच्चा : योगेश और तूने देखा ? दिखने में कितनी अच्छी है । लम्बी नाक, बड़ी-वड़ी आंखें व गोरा गोरा रंग । तोसरा बच्चा : बिल्कूल मीनाकुमारी जैसी है । पहला बच्चा : चल हुठ मीनाकुमारी से भी अच्छी है, क्‍यों है न दिनेश ? दूसरा वच्चा : हाँ-हाँ, इस साले मिद्दू को क्या मालूम । (गोविन्द के आने की पद-चाप ) गोविन्द : अरे दिनेश, योगेश, मिठ॒दू तुम अभी तक सोये महीं । यह देखो मैं तुम्हारे लिये क्या छाया हूं । सब बच्चे : मिठाई । गोविन्द : जाबमो, अभी भाग जाओ मभौर मिठाई खाओ, समझे ।




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