पच्चीस बोल पच्चीसी | Pacchis Bol Pacchisi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के (१3) पच्चीस बोल पच्चीसी
काया द्वार
प्र:- त्सकाय में दश बलप्राणों में से कितने बल प्राण पाये जाते हैं ?
उः- दर्शों बल प्राण पाये जाते हैं ।
प्रः- पृथ्वीकाय, अप्काय, तेठकाय, वायुकाय और वनस्पतिकाय में पांच शरीरों में से
कितने शरीर पाये जाते हैं ? न
उ:- तीन शरीर पाये जाते हैं । जैसे -औदारिक शरीर, तेजस शरीर और कार्मण शरीर।
प्र- वायुकाय में पांच शरीरों में से. कितने शरीर पाये जाते हैं?
उ:- चार शरीर पाये जाते हैं, आहारक शरीर को छोड़कर ।
प्र:- त्रसकाय में पांच शरीरों में से कितने शरीर पाये जाते हैं?
उः- पांचों शरीर पाये जाते हैं । क्योंकि मनुष्य त्रसकाय में आता है संज्ञी मनुष्य
ही साधु बनता है इस अपेक्षा से त्रसकाय में पांचों शरीर पाये जाते हैं ।
प्रः- पृथ्वीकाय, अप्काय, तेठकाय और वनस्पतिकाय में 15 योगों में से कितने योग पाये जाते हैं?
उः- तीन (3) योग पाये जाते हैं, जैसे - औदारिक काययोग, औदारिक मिश्रयोग और कार्मण
काययोग।
प्रः- वायुकाय में 15 योगों में से कितने योग पाये जाते हैं?
उ. पांच योग पाये जाते हैं, जैसे - औदारिक योग, औदारिक मिश्रयोग, वैक्रिय योग,
वैक्रिय मिश्र योग और कार्मण काय योग | ..
प्रः- असकाय में 15 योगों में से कितने योग पाये जाते हैं?
उः- 15 (पंद्रह) योग पाये जाते हैं ।
प्रः- पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय, वनस्पतिकाय और वायुकायः में 12 उपयोगों
में से कितने उपयोग पाये जाते हैं?
उः- तीन उपयोग पाये जाते हैं, जैसे --मति अज्ञान, श्रुत अज्ञान और अचक्लु दर्शन।
प्र- त्सकाय में 12 उपयोगों में से कितने: उपयोग पाये जाते हैं?
उः- 12 (वारह) उपयोग पाये जाते हैं । क्योंकि केवली भगवन्तः भी तअसंकाय में
आते हैं इस अपेक्षा से केवलज्ञान और केवलदर्शन पाते हैं ।
प्रः- छः काया में आठ कर्मों में से कितने कर्म पाये जाते हैं?
उः- आठों कर्म पाये जाते हैं।
प्र- पृथ्वीकाय, अप्काय, तेउकाय, वायुकाय. और वनस्पतिकाय में 14 गुणस्थानों
में से कितने गुनस्थान पाये जाते हैं?
उ:- .एक मिथ्यात्व गुणस्थान पाया जाता है ।
प्र- चेसकाय में 14 गुणस्थानों में से कितने गुनस्थान पाये जाते हैं?
उः- 14 (चौदह) गुणस्थान पाये जाते हैं।
प्र+- पृथ्वीकाय, अप्काय, तेठकाय, वायुकाय और वनस्पतिकाय में 23 विषय और
240 विकारों में से कितने विषय और विकार पाये जाते हैं?
उ+ 8 (आठ) विषय और 96 विकार पाये जाते हैं।
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