दुर्गा पुष्पा ज्जलि: | Durga Pushpa Jjli
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य जिनविजय मुनि - Achary Jinvijay Muni
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला में प्रकाशित
कुछ विशिष्ट ग्रन्थ
संस्क्ृत साहित्य ग्रन्थ-
, प्रमाशमद्जरी-ताक्कि-बृढ़ामणि-सर्वेदेवाचार्य अणीत | तीन व्याख्याश्रों से तमलड्कृत ।
, यन्त्रराजरचना-जयपुरनरेश महाराज सवाई जयपिंह कारिता।
» महपिकुलवेभवमृ-विद्यावाचस्पति स्व० श्रीमबुस्रृदन श्रोझा विरचित |
« तकसंग्रह फक्किका-प० छमाकल्याणछत |
. कारकसंबन्धोद्योत-प ० रमसनन्दिछृत ।
, वृत्तिदीपिका-प० मौनिहृष्णमटकृत |
, शब्द्र॒त्नप्रदीप-संक्षिप्त सस्कृत शब्दकोष |
क्ृष्णुगीति-कविप्तोमनाध-छृत गीतिकाव्य )
. शृद्भारहारावलि-हर्षकवि विरचित |
« चक्रपाणिविजयमहाकाव्यमू-प०लक्ष्मीघर्सट्ट-रचित |
, राजविनोद महाकाव्य-क्वि उदयराजविरचित |
. नृत्तसंग्रह-नाव्यविषयक पठनीय अन्य |
» चृत्यरन्नकोश ( अथस भाग )-महाराणा-कुम्मकर्ण-प्रणीत ।
» उक्तिरल्ञाकर-पणिडित साधुसन्द्रगयीकहृत |
« दुर्गापुष्पात्नलि-महामहोपाध्याग १० श्रीदुर्गाप्रसाद ह्िवेदी रचित )
राजस्थानी मापा साहित्य ग्रन्थू-
« कान्हडदे प्रवन्ध-कवि पश्मननास विरचित |
« क्यामखां रासा-छस्लिम-कवि जानइझत ।
३. लावारासा-चारणक्विया गोपालदानकृत |
४. वांकीदासरी ख्यात-चारणकवि वॉकीदासरचित |
User Reviews
No Reviews | Add Yours...