श्रीजैनप्रतिमा लेखसंग्रह | Shri Jainpratima lakhsangrh

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Shri Jainpratima lakhsangrh by दौलतसिंह लोढ़ा - Daulatsingh Lodha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२१ ) घातु चौवीसी, पंचतीर्थियां २५४ से २५९ शशिया सेरी- ८ अभिनन्दनस्त्रामी चेस्य धातु पंचतीर्थी चौबीसी २६०, २६९ मोदियों की सेरी-- ९ विमलतनाथ चत्य-- धातुपंचतीर्थी चौवीसिये। २६२ से २१६७ सुतारों की सेरी-- १० शान्तिनाथ चत्य धातुपंचती्ी, चोदी- सिर्या २६८ से २७३ ज्ीराउलाती थे १ देवकुलिकाओं के लेख-२७४ से ३१६ २ चतुष्किका स्तंभ पर २९७ छोटाना तीथ-पैत्य १ कायोत्सगेस्थ-- प्रतिमा ३१८ २ ऋषभदेव-पादुका ३१९ ३ संठपगत सपरिकर प्रतिमा ३२३७० 9 घाठाय पंचतीयों ४२१ सलवाडा-- धातुमय पंचतीर्यी ३२२ महावीर मृछाला* १ सन्दिर की भमत्ती की छत में 8२३ २ प्राचीनखंटित पद्माप्तन ३२४ ब्ररमाण तीथ १ कायोत्मगस्थ-प्रतिमा ३२७, ३२६ २ पटचतुप्किका के स्तम्भ पर ३२५७ ३ पद्मशिजछा पर १२८ आरखी-- घातुमय पंचतीर्थी ३२९, ३२३० दयाणा तीथ का्योस्सगैस्थ-प्रतिमा ३३१




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