हमारे देश का आर्थिक व व्यापारिक भूगोल | Humare Desh Ka Aarthik Va Vyaparik Bhugol

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Humare Desh Ka Aarthik Va Vyaparik Bhugol by कैलाश बहादुर सक्सेना - Kailash Bahadur Saxena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मनुष्य तथा वातावरण ] |[ १३ ८. जलवायु और सामं--प्रावागममन के! सार्गो को भी जलवायु नियन्त्रित करती है। श्रुवो मे जलवाबु के कारण ही वर्फ जमी रहती है श्रतः वहाँ पक्‍की सड़के घ्रथवा पहिएदार गाडियो का स्वंथा श्रभाव है । जाडो के दिनो में अनेक' दर्रे तथा समुद्र जम जाते है। जिसके फलस्वरूप श्रावागमन के मार्ग बन्द हो जाते है । रेगिस्तानी 'भागो मे भी सड़के नही बन सकती, रेलो का उपयोग नहीं हो सकता, केवल ऊंट ही यातायात्त का साधन होता है। श्रधिक वर्षा वाले भागों में कच्ची सडर्क व्यर्थ हो जाती है व कभी-कभी रेल की पटरियाँ भी ट॒ट जाती है। श्रांघी व भ्रधिक वर्षा में हवाई जहाज नही उडते है । पहले पानी के जहाज हवा के प्रभाव से ही चलते थे ॥ अतः जलवायु मार्गों तथा यातायात के साधनों को प्रभावित करता है । ९६. जलवायु और उद्योग--वैसे तो जलचायु प्रत्येक उद्योग को किसी न किसी रूप मे प्रभावित करता है किन्तु कुछ उद्योग--विजेषतः सूती बस्त्र उद्योग, फिल्म-उच्योग, क्षषि-उद्योग, फल-उद्योग आदि--जलवायु पर निर्भर होते है। मैत- चेस्टर, बम्बई तथा श्रहमदाबाद में सूती वस्त्र-उद्योग; फेलिफोनिया मे फिल्म-उद्योग जलवायु के कारण ही स्थापित किये गये थे । १०, जलवायु प्रौर ध्यापार---जलवायु का व्यापार पर भी अधिक प्रभाव पडता है । यह हम जानते है कि जलवायु पर कृषि-पदार्थे, ववन-पदा्थे और पशु-पदा्थ अवलम्बित रहते है । श्रतः श्रनुकूल जलवाबु मे ये वस्तुएं प्रचुर मात्रा मे होती है भोर अन्य क्षेत्रो मे इनकी कमी रहती है। इस तरह प्रचुरता वाले क्षंत्रों से कमी वाले क्षेत्रो मे वस्तुओं का निर्यात कर दिया जाता है। ११. जलवायु शौर शारीरिक तथा मानसिक विकास--मनुष्य के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी जलवायु प्रश्नाव डालता है। ठडे प्रदेशों के मनुष्यों की कार्यक्षमता प्नघिक होती है श्रौर गर्म प्रदेशों के मनुष्यों की कम। उष्ण, आदर तथा प्रुवी भागो में प्रायः अ्सभ्य मनुष्य मिलते है। सभ्य, स्वस्थ और उन्नतिशील मनुष्य प्रायः साधारण गर्म व समशीतोष्ण भाग मे पाये जाते है । मनुष्य की शारीरिक एवं मानसिक शक्ति समशीतोष्ण भागों में सबसे श्रधिक अच्छी होती है, गर्म भागो मे कुछ कम तथा गर्म और श्राद्रं भागो मे सबसे कम | अमेरिका के प्रो०ण सी० ई० हटिग्टन ने बतलाया है कि मनुष्य की शारीरिक शक्ति ६०? से ६५? फ० तक के तापक्रम मे श्रच्छी रहती है, परन्तु मस्तिप्क उस समय सबसे अच्छा कार्य करता है जबकि वायु का तापक्रम ३८ फ० हो। भारत मे पूर्वी पजाव, काश्मीर, पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की जलवायु गारीरिक कार्यों के लिए अ्रच्छी है जब कि परिचमी बंगाल, महाराष्ट्र 4 गुजरात की जलवायु कला, साहित्य व अ्रन्य मानसिक कार्यों के लिये भ्च्छी है ॥ इस प्रकार स्पष्ट है कि किसी प्रदेश की जलवायु का वहाँ के निवासियों के झ्ार्थिक जीवन को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भाग होता है । २. क्ुन्निष दातावरण (ए०४-?४॥एशं०७छ) #तरां70777870) मनुष्य के जीवन को भौगोलिक अथवा प्राकृतिक वातावरण तो प्रभावित करता हो है किन्तु अभौगोलिक अथवा इृत्रिम वातावरण भी अपना विशेष स्थान रखता हैं 1-* __ (१) घर्म--मनुष्य के आथिक जीवन को उसका धर्म नी प्रभावित करता एक ओर तो धर्म कुछ धन्धो के लिए हतोत्साह करता है और दूसरी ओर दुछ




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