बन्धविहाणम तत्थ मूलपयडि रस बन्धो | Bandhavihanam Mula Payadi Ras Bandho

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Bandhavihanam Mula Payadi Ras Bandho  by प्रेमप्रभा - Premaprabha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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-- परदाथसग्रहकारा: $--- कर्मशास्धज्धुरीण-गच्छाधिपा-55चार्यदेव-भीमदू-विजयप्रेममश्रीय्र-विनीत पिनेय-प्र भावऊ- प्रवचनकार-पंन्यासप्रवर-श्रीभानुविजयगणित्रय विनेयमुनिवयंश्री-धमंधोप तिजयान्तिपदा विद्वद्य-गीतार्थयुनिश्री-जय घोषचिजया।, पंन्यासप्रवर श्री-भाजु विजय गणियये- बिनेया मुनिश्री-धसौनन्‍्दविज्या,, गच्छाधिपतिविनीतविनेय- गीतार्थमूर्धन्य-पंन्यासप्रवर श्रीहेमन्‍्तविजयगणिप्र्य-बिनेयमुनिराजश्री ललितशेखरविजय-शिष्यरत्न मुनिवयश्री-राजणेखर-पिजय- शिष्पाणवी मुनिश्रीवीरदोखरदिजयाइच । रे -- मसूलगाथाकारा -- प्राइृतविशारदा स्ुनिश्रीवीरशेेखरविजया; । रः “ टीकाकार संपादकश्थध :-- पंन्यासप्रवरश्री-मानुविजयगणिवर्य-विनेयरत्न-द्र॒व्यानुयोगनदीष्ण-सुनिराजश्री- धर्मानन्द्विनय विनेय- मुनि जयशेखरचविजयः । र्मः --५ सदसंपादका, -- विडद्‌- मुनिराजश्री-मिन्नानन्दचिजयाः बिद॒दू- म्ुनिराजभ्री-जितेन्द्रविजयाश्र ः जे - खसशोधका +- फर्मशास्र विशारद गच्छाधिपति-अीमद्‌-बिजयप्रेमछरीश्वरपइप्रमावका शीमद्ूविजयजस्बूसरीस्राः पदार्थसंग्रहकारसुनिप्रवरा! अंश पाइकाज का




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