सफलता के आठ साधन | Safalata Ke Aath Sadhan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
715 KB
कुल पष्ठ :
58
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दिचारहीनता के परिणामस्वस्प भसफसताएं भौर विपत्तियां
ही एम प्राप्त होदी हैं। उपयोगिष्ा प्रौर छमृद्धि को शक्ष्य अनाकर
असते बाले प्ोग प्रपती क्रियारमकता की तरफ से बेखबर नहीं रह
पते । उन्हे यह भी बसी भांति बिदित होना चाहिए कि मनुष्य के
कार्मों का स्वय बर्ता पर भोए चारों तरफ के समाज के क्लीबन पर
जया प्रमांष पड़ता है। भपना जीवन-माह्या प्रारम्म करते समय हमें
प्रपने स्पक्तिंगत डामिस्थों देः प्रठि जामस्क रहता चाहिए। स्पक्ति
गो पह जातता चाहिए कि बह चाहे प्पने पर में हो चाह किसी
स्पापार-सस््या रू मंच पर, माहमोदाम में दिद्यालय में प्पते मित्रों
क्री छंसति में प्रपवा एकाकी हो--सभी बगह प्पने प्राचार-स्पवहार
का एक स्पष्ट प्रभाव छोड़ता है भौर उसकी जीवन-बृत्ति पर इस
प्रशाथ का भक्डा या बुरा किसी एक प्रकार का प्रसर जरूर पड़ता
है। धापाए-स्यवहार का एक ऐसा भज्ञात प्रभाव होता है जो एक
स्यतित दूसरे स्पकित से मिलते समय--घाड़े दसरा बृरुप हो महिला
हो पा बच्पा --उसपर छोड़ता ही है। इन्हीं प्रमार्थों के प्रापार पर
शोर्गो का पा रस्परिष्म सम्बस्प प्रौर माजनाएं बतती है। यही कारण
है हि! पम्प सपान मैं घालीस स्यवितर्यों को प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
धदि 'भापका भध्विण्क शकाराष्मक झ्ौर उड्विण् होगा तौ उपरा
जहर घाषके कापयस्पापार द्वो विपत्ति मैं डालेगा। यह धरिष्ट प्रमाव
प्रापकै पपने प्रयाों को मिसत््य करेया पौर प्रापकी सुख भौर
सपृद्धि मैं स्पाषात करेमा। उसी प्रकाए, छंसे तीद्ध प्रम्त बढ़िया
सै बढ़िया इस्पात को छर्जर बर देता है। इसके विपरीत यदि प्रापके
अपकितिए्य से बिश्वसनीय धोर मरितः्क से झ्प्टता का माव रूसकेया
तो इूसरे शोप प्रापडी तरफ घाकषित होगे सौर दिया जाते ही घापके
प्रति शद्भागना रसेंगे। इम सदूगुध से भापको दजी स्ोपों का एतक्ति-
शाती सहयोग प्राण होगा। घापड़ों मित्र घौर प्रबशर प्राप्त होंदे
प्रौर जिस किसी गार्य को प्राप द्वाब में लेंगे उसमें फल दवीने में
सहायता प्राप्त होगी। इसमें प्रापकी मू्शों का परिष्कार होमां भौर
जो दोटी-मोरी प्रपोग्पताए घापके व्यक्तित्व में है. उनढी शतिप्रूवि
होगी प्रौर परदेष्ठ टोर विलुप्त हो जाएंगे।
रच
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