आधुनिक राजस्थानी का संरचनात्मक व्याकरण | Adhunik Rajasthani Ka Sanrakshan Atmak Vyakaran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
237
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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ह आधा हल छुरी। पका थी अत 5 छुरियों [+ ह* ४3 छुरोगे ,
कड़ौ कड़ियौ कड़ी स््ॉंकर #
(ग) त्रिविध रूपीय संज्ञाए जिनके विशिष्ट पुल्लिग रूप झवुपलब्ध है।
ताकड़ ताकड़ियौ ताकड़ी
काकड़ काकड़ियौ काकड़ी
ढेलड़ ढेलडियौ ढेलड़ी
(घ) त्रिविध रूपोय संज्ञाएं जिन॒के अल्पार्थक पुल्लिग रूप अनुपलब्ध हैं ।
हा थेपड़ू , थेपड़ी थेपड़ी
हु फक्. फढ्ौ फब्गी
(ड) त्रिविध रूपीय संज्ञाएं जिनके स्त्री लिंग रूप अनुपलब्ध हैं ।
आकड «. आाकड़ौ झाकड़िया
घेड़ ,> *-धेंडौ घेड़ियो
खरड़क खरड़कौ खरड्कियो
४ ऊ शौर्ड , | आह 5... रौड़ीं है ' रौडियो
सौर खौरी खौरियाँ ,; #६
धोब , -+धोबौ घोवियौ
गार «५ मारौ गारियौ
(च) द्विविध रूपीय संजाएं जिनके सामान्य पुल्लिग और स्त्री लिंग रूप ही
पलब्ध है । रा ला
सांगर मा सांगरी
ताल गम ताली
कुड़क य कुड़की
पीपव्ठ (भ पीपछो
(छ) ट्विविध रूपीय संज्ञाएं. जिनके विशिष्ट पुल्लिग और अल्पाथंक पुह्लिग रूप
दी उपलब्ध है । ्ः हर 2
खाजौ - ... खाजियौ
खबोचो /... . ख्बोचियों
तूडो ; सूंडियो
ओलौ मल ओलियौ
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